Tuesday, November 05, 2024
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अपनी ही पार्टी के नेता पर प्रताड़ना का आरोप लगा सदन में फूट-फूटकर रोईं BJP विधायक, दिया धरना

नीलम ने कहा कि वह इस साल के अंत में होने वाला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। इस मुद्दे पर भाजपा विधायक नीलम को विपक्षी दल कांग्रेस को पूरा समर्थन मिला। कांग्रेस सदस्यों ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि इस सरकार में भाजपा की विधायक ही असहाय हैं तो आम लोगों की क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है...

Reported by: Bhasha
Published on: June 26, 2018 19:33 IST
neelam abhay mishra- India TV Hindi
neelam abhay mishra

भोपाल: मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की रीवा जिले की सेमरिया निर्वाचन क्षेत्र से महिला विधायक नीलम अभय मिश्रा ने आज मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे एवं अंतिम दिन अपने परिवार पर पुलिस ज्यादती का आरोप लगाते हुए आसंदी के सामने बैठकर करीब 40 मिनट तक धरना दिया और इस दौरान वह रोईं भी। नीलम ने अपना धरना राज्य सरकार द्वारा उन्हें सुरक्षा कवर के साथ ही उनके परिवार के सदस्यों के साथ उचित व्यवहार का आश्वासन देने के बाद समाप्त किया। इस दौरान उनके साथ आसंदी के सामने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस एवं बसपा के चार अन्य महिला विधायक भी बैठी रहीं।

धरने पर बैठने से पहले शून्यकाल के दौरान नीलम अपनी सीट पर खड़ी हुईं और कहा कि उनके परिवार के सदस्यों पर रीवा जिले की पुलिस द्वारा झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इससे सरकार दुविधा में आ गई। उन्होंने अपने एवं अपने परिजनों के लिए सरकार से सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के ‘पावरफुल’ नेताओं के कहने पर रीवा के पुलिस अधीक्षक मेरे एवं मेरे परिवार के सदस्यों के खिलाफ भेदभावपूर्ण कार्रवाई कर रहे हैं।’’

नीलम ने कहा कि वह इस साल के अंत में होने वाला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। इस मुद्दे पर भाजपा विधायक नीलम को विपक्षी दल कांग्रेस को पूरा समर्थन मिला। कांग्रेस सदस्यों ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि इस सरकार में भाजपा की विधायक ही असहाय हैं तो आम लोगों की क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह को कहा कि नीलम की शिकायत का जवाब दें। इस पर सिंह ने आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया करायेगी। हालांकि, इस आश्वासन के बाद भी नीलम शांत नहीं हुईं और कहा, ‘‘मेरे परिवार पर हो रहे जुल्मों को रोका जाए और झूठे मामलों में उन पर मुकदमे न चलाएं जाएं।’’ इस पर गृहमंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि वह रीवा पुलिस अधीक्षक से बात करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी व्यक्ति पर अनुचित कार्रवाई न हो।

इस जवाब से असंतुष्ट होकर नीलम करीब दोपहर एक बजकर पांच मिनट पर अचानक अपनी सीट से उठकर आसंदी के पास चली गईं और वहां नीचे धरने पर बैठ गईं। इसके बाद कांग्रेस सदस्य भी आसंदी से पास जाकर नारेबाजी करने लगे। इसी बीच, गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह भी नीलम के पास गए और धरने पर बैठकर रो रही महिला विधायक से बात की। इसी बीच कांग्रेस एवं बसपा की चार महिला विधायक भी नीलम के पास गयी और उनके बगल में बैठ गईं।

इस दौरान भारी हंगामा हो रहा था जिसके कारण अध्यक्ष ने 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इस दौरान भी नीलम एवं चार अन्य महिला विधायक वहीं धरने पर डटी रहीं। जब सदन की कार्यवाही दुबारा शुरू हुई तो विधानसभाध्यक्ष कार्यसूची में शामिल विषयों को तेजी से निपटाने लगे। इस दौरान भी पांचों महिलाएं धरने पर बैठीं रहीं। इसी बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने सरकार को घेरते हुए कहा, ‘‘भाजपा (महिला) विधायक आंसू बहा रहीं हैं। शर्म करो, शर्म करो।’’

इसके बाद कांग्रेस के तकरीबन सभी सदस्य आसंदी के पास जाकर खड़े हो गए और चिल्लाने लगे, ‘‘महिलाओं का सम्मान बचाओ।’’ इसी बीच भाजपा की दो महिला विधायक रंजना बघेल एवं ममता मीना सरकार के बचाव में आईं और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मां हैं तो सब कुछ है। मां को न्याय क्यों नहीं दिलाते। न्याय के लिए लड़ रहे हो तो मां के लिए क्यों नहीं लड़े।’’

गौरतलब है कि हाल ही में अजय सिंह पर उनकी 83 वर्षीय मां सरोज कुमारी ने अपने दो बेटों अजय सिंह एवं अभिमन्यु सिंह के साथ-साथ बहू सुनीति सिंह के खिलाफ 19 जून को भोपाल की अदालत में घरेलू हिंसा और संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करके उन्हें बेदखल करने की शिकायत दी थी जिस पर अदालत ने उन्हें नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। हालांकि, बाद में गृह मंत्री से आश्वासन के बाद विधायक नीलम ने करीब एक बजकर 46 मिनट पर अपना धरना समाप्त कर दिया और लगभग तीन मिनट अपनी सीट पर बैठने के बाद सदन से बाहर चली गईं।

हंगामे के बीच विधानसभाध्यक्ष ने दैनिक कार्यसूची में शामिल विषयों को तेजी से निपटा दिया और दोपहर एक बजकर 58 मिनट पर मानसून सत्र को नियमित तिथि से तीन दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

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