पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को निधन होने के बाद गोवा में भाजपा नीत गठबंधन को एक नए नेता की तलाश करनी होगी। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि पर्रिकर (63) का रविवार को यहां पास स्थित उनके निजी आवास पर अग्नाशय संबंधी बीमारी से निधन हो गया। वह गोवा में एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे जिसमें भाजपा, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीय शामिल हैं।
पणजी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले पर्रिकर के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरुरत होगी। यह गोवा में चौथा उपचुनाव होगा। यहां 23 अप्रैल को शिरोडा, मांडरेम और मापुसा विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। इन सीटों के लिए उपचुनाव राज्य में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ होंगे।
राज्य विधायी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "मुख्यमंत्री पर्रिकर के निधन के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन को अपना नेता चुनने के बाद राज्यपाल के समक्ष दावा पेश करना होगा। इसमें समर्थन का पत्र भी होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि राज्यपाल (मृदुला सिन्हा) आश्वस्त नहीं होती हैं तो उन्हें सरकार बनाने के लिए अकेली सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करना होगा।’’
पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर को 2017 में पणजी से जीतने के बाद गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई थी। पर्रिकर को विधानसभा पहुंचाने के लिए पणजी विधायक सिद्धार्थ कुनकोलिंकर ने 10 मई 2017 को इस्तीफा दे दिया जिसके बाद उपचुनाव हुआ। कांग्रेस वर्तमान में 14 विधायकों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है जबकि 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में भाजपा के पास 13 विधायक हैं। गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीयों के तीन-तीन विधायक हैं जबकि राकांपा का एक विधायक है।
इस साल के शुरू में भाजपा विधायक फ्रांसिस डिसूजा और रविवार को पर्रिकर के निधन तथा पिछले साल कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोपटे के इस्तीफे के कारण सदन का संख्याबल 36 हो गया है। पर्रिकर के निधन की खबर आने के बाद गठबंधन सहयोगी दलों ने आपात बैठकें बुलाई हैं।
विजय सरदेसाई के नेतृत्व वाले गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन विधायक और एमजीपी के तीन विधायक शाम बाद में अलग-अलग बैठ कर रहे हैं।