Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने के आसार, तीन तलाक विधेयक पारित कराना चाहेगी सरकार

संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने के आसार, तीन तलाक विधेयक पारित कराना चाहेगी सरकार

संसद का अगले सप्ताह शुरू होने वाला शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्र के दौरान सरकार तीन तलाक, उपभोक्ता संरक्षण, चिट फंड, डीएनए, गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम जैसे विधेयकों सहित करीब तीन दर्जन विधेयक पारित कराना चाहती है।

Reported by: Bhasha
Published on: December 06, 2018 12:33 IST
संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने के आसार, तीन तलाक विधेयक पारित कराना चाहेगी सरकार- India TV Hindi
संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने के आसार, तीन तलाक विधेयक पारित कराना चाहेगी सरकार

नयी दिल्ली: संसद का अगले सप्ताह शुरू होने वाला शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्र के दौरान सरकार तीन तलाक, उपभोक्ता संरक्षण, चिट फंड, डीएनए, गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम जैसे विधेयकों सहित करीब तीन दर्जन विधेयक पारित कराना चाहती है। इनमें 20 विधेयक नये हैं जबकि शेष, सदन में पहले ही पेश किये जा चुके विधेयक हैं। कांग्रेस सहित विपक्षी दल राफेल मुद्दा, कृषि एवं किसानों की समस्याओं, सीबीआई में उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों के बीच झगड़े जैसे मुद्दे उठाकर सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे। राज्यसभा में कांग्रेस के सचेतक भुवनेश्वर कालिता ने कहा, ‘‘ हम संसद सत्र के दौरान राफेल समेत अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे उठायेंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।’’

उन्होंने कहा कि संसद में उठाये जाने वाले विषयों की रूपरेखा पार्टी की बैठक में तय की जाएगी लेकिन किसानों के मुद्दे, सीबीआई में वर्तमान स्थिति, साम्प्रदायिक सौहार्द के समक्ष चुनौती जैसे विषय निश्चित तौर पर उठेंगे। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सरकार के लिये यह सत्र महत्वपूर्ण है। तीन अध्यादेश के संबंध में विधेयक आने हैं। ‘‘हम तीन तलाक संबंधी विधेयक पारित कराना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि लोकसभा में पेश किये गए करीब 15 विधेयक और राज्यसभा में पेश 9 विधेयक पारित होने हैं। अन्य महत्वपूर्ण नये विधेयक भी पेश किये जाने हैं और पारित होने हैं।

यह पूछे जाने पर कि, विपक्ष राफेल समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा, गोयल ने कहा कि विपक्ष नियमों के तहत कोई भी मुद्दा उठा सकता है और सरकार इसके लिये तैयार है। सरकार का दामन और नियम दोनों साफ हैं। ‘‘हम नियमों के तहत चर्चा कराने को तैयार हैं।’’ संसद का शीतकालीन सत्र ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब पांच राज्यों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। इनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के लिये महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। समझा जाता है कि संसद सत्र पर चुनाव परिणाम का प्रभाव देखने को मिल सकता है।

सत्र के दौरान लोकसभा में पेश होने वाले नये विधेयकों में तीन तलाक संबंधी विधेयक, कंपनी संशोधन विधेयक, भारतीय चिकित्सा परिषद संशोधन विधेयक, भारतीय औषधि प्रणाली के लिये राष्ट्रीय आयोग संबंधी विधेयक, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक, राष्ट्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा आयोग विधेयक, राष्ट्रीय विमान संशोधन विधेयक, जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक संशोधन विधेयक, सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी संशोधन विधेयक, गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन विधेयक, बांध सुरक्षा विधेयक, एनसीईआरटी विधेयक आदि शामिल हैं।

इसके अलावा सार्वजनिक परिसर अनधिकृत कब्जा हटाने संबंधी विधेयक, दंत चिकित्सक संशोधन विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, नयी दिल्ली अंतरराष्ट्रीय पंचाट केंद्र विधेयक, भारतीय हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकार संशोधन विधेयक, किशोर वय :बाल देखरेख एवं संरक्षण: संशोधन विधेयक, डीएनए प्रौद्योगिकी :उपभोक्ता एवं व्यवहार: नियामक विधेयक, मानवाधिकार संरक्षण संशोधन विधेयक, ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण विधेयक, किराये की कोख संबंधी नियामक विधेयक, चिटफंड संशोधन विधेयक, बिना नियमन की जमा योजना को प्रतिबंधित करने संबंधी विधेयक आदि शामिल है।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 11 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सर्वदलीय बैठक बुलाई है। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने एक दिन पहले 10 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इन बैठकों का उद्देश्य सदन का कामकाज सुचारु रूप से चलाने के लिए सर्वसम्मति बनाना है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement