Monday, December 23, 2024
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राम मंदिर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा- भगवान राम का काम जल्द शुरू होगा, संत समाज ने दिया सरकार को निर्देश

''हम सरकार को निर्देश देते हैं कि वह या तो कानून लाए या अध्यादेश (राम मंदिर निर्माण के लिए)।’’ उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने कहा था कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद की सुनवाई की तारीख पर ‘‘उपयुक्त पीठ’’ जनवरी के पहले हफ्ते में निर्णय करेगी जिसके बाद से राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग तेज होती जा रही है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : November 05, 2018 0:03 IST
राम मंदिर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा- भगवान राम का काम जल्द शुरू होगा, संत समाज ने दिया सरकार को निर्द
राम मंदिर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा- भगवान राम का काम जल्द शुरू होगा, संत समाज ने दिया सरकार को निर्देश

बीकानेर: राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर देश की सियासत के केंद्र में आ गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले की सुनवाई जनवरी तक टाले जाने के बाद इसे लेकर काफी बयानबाजी हो रही है। कोई अध्यादेश की मांग कर रहा है तो संतों का आंदोलन भी हो रहा है। राकेश सिन्हा समेत भाजपा के दो सांसदों ने प्राइवेट बिल तक लाने की बात कही है। इस बीच योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भगवान राम का काम जल्द शुरू होगा। उन्होंने कहा कि दिवाली से इस कार्यक्रम को हमें आगे बढ़ाना है।

बीकानेर में थे योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने यह बयान राजस्थान के बीकानेर में शनिवार को दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम के नाम पर इस बार एक दीया जलाइए। योगी ने कहा कि जिस काम का हमने संकल्प लिया है, हम उसे साकर कर सकें, वह समय आ गया है। उन्होंने कहा कि वह काम जल्द ही शुरू होगा और दिवाली के बाद हमें इसे आगे बढ़ाना है। इससे पहले योगी ने कहा था कि वह दिवाली के मौके पर अयोध्या में होंगे और वहां से देशवासियों को अच्छी खबर देंगे।

कोई भी हिंदू ग्रंथ हिंसा की इजाजत नहीं देता

राम मंदिर आंदोलन के एक बार फिर जोर पकड़ने के बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि कोई भी हिंदू ग्रंथ अपने काम के लिये हिंसा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देता और शास्त्रों का कहना है कि लोगों को राम को अपने दिलों में बसाना चाहिए। पीटीआई को दिये एक खास साक्षात्कार में थरूर ने कहा, ‘‘वास्तव में, अगर कुछ हैं, तो शास्त्रों में यह है कि राम को अपने दिलों में बसाएं। और अगर राम आपके दिल में बसे हैं तो फिर इसके कोई ज्यादा मायने नहीं होने चाहिए कि वह और कहां हैं या कहां नहीं हैं, क्योंकि वह हर कहीं हैं।’’ कांग्रेस सांसद अपने हाल के उस बयान के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि कोई भी अच्छा हिंदू विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर मंदिर नहीं चाहेगा।

RSS चुनाव से पहले इस विवाद को उठाती हैं

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस हर चुनाव से पहले अयोध्या के रामजन्मभूमि विवाद को उठाते हैं और चुनाव बीत जाने के बाद वे भगवान राम का वनवास कर देते हैं। उन्होंने सत्तारुढ़ दल पर प्रहार किया और कहा कि उसने राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल कर भगवान का अपमान किया है। भाजपा के एक सासंद द्वारा राम मंदिर निर्माण के वास्ते निजी सदस्य विधयेक लाने की योजना बनाने का उल्लेख करते हुए सिंघवी ने कहा, ‘‘1992 के बाद हर चुनाव में वे (भाजपा और आरएसएस) यह मुद्दा उठाते हैं। चुनाव जब खत्म हो जाता है तब वे भगवान राम का वनवास कर देते हैं।’’

कोई ताकत राम मंदिर बनने से नहीं रोक सकती

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत राम मंदिर को बनने से नहीं रोक सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार और न्यायालय को आगे आकर इस मामले को सुलझा लेना चाहिए क्योंकि मंदिर निर्माण में हो रही देरी को लेकर लोगों में आक्रोश है। गिरिराज ने कहा कि राम मंदिर को लेकर देश के लोगों का सब्र का बांध टूटता जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के राज्यसभा में सांसद राकेश सिन्हा प्राइवेट बिल लेकर आ रहे हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि देश सौ करोड़ हिंदू आबादी की भावना का ख्याल रखने के लिए कांग्रेस पार्टी किसी ढंग से आगे आती है और अन्य दल किस रूप में इसे लेते हैं।

संत समिति का राम मंदिर पर सरकार को ‘‘निर्देश’’

हिंदू संतों के शीर्ष संगठन अखिल भारतीय संत समिति ने सरकार को ‘‘निर्देश’’ दिया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कानून या अध्यादेश लाया जाए। समिति के दो दिवसीय सम्मेलन में देश भर से तीन हजार से अधिक संतों ने हिस्सा लिया जिसमें गोरक्षा, गंगा नदी की सफाई और राम मंदिर के निर्माण सहित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। संगठन के संरक्षक रामानंद हंसदेवाचार्य ने सम्मेलन के समापन बयान में कहा, ‘‘हम सरकार को निर्देश देते हैं कि वह या तो कानून लाए या अध्यादेश (राम मंदिर निर्माण के लिए)।’’ उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने कहा था कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद की सुनवाई की तारीख पर ‘‘उपयुक्त पीठ’’ जनवरी के पहले हफ्ते में निर्णय करेगी जिसके बाद से राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग तेज होती जा रही है।

स्वामी​ परमहंस दास ने दी आत्मदाह की चेतावनी

अयोध्या में तपस्वी छावनी मंदिर के महंत स्वामी परमहंस दास ने चेतावनी दी है कि अगर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधिकारिक घोषणा नहीं होती है तो वह छह दिसम्बर को आत्मदाह करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच दिसम्बर तक इसकी घोषणा करें। परमहंस अयोध्या में मोदी सरकार द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग करते हुए छह अक्टूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे। एक हफ्ते की भूख हड़ताल के बाद परमहंस को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उनकी मुलाकात लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराई गई जिन्होंने उन्हें भूख हड़ताल छोड़ने के लिए मनाया। यह दावा संत ने किया।

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