नई दिल्ली: राज्यसभा से कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद के रिटायर होने के बाद खाली हुई सीट इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के खाते में जा सकती है। सोमवार को कांग्रेस के सहयोगी दल इंडियन मुस्लिम लीग ने यह स्पष्ट कर दिया कि अप्रैल में होनवाले द्विवार्षिक चुनावों में राज्यसभा की सीट पर अपने उम्मीदवार को उतारेगी।हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक यह फैसला दिनों दलों की सहमति के बाद लिया गया है। इससे गुलाम नबी आजाद के फिर से राज्यसभा में आने की संभावनाओं पर फिलहाल विराम लग गया है। कांग्रेस के दो बड़े रणनीतिकारों ने इंडियन मुस्लिम लीग के इस दावे की पुष्टि की और कहा कि मुस्लिम लीग के उम्मीदवार को विपक्षी दल यूडीएफ का समर्थन मिलेगा।
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कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच इस समझौते की खबरों से उन कयासों को विराम लग जाएगा कि गुलाम नबी आजाद को फिर से राज्यसभा भेजने के लिए केरल से राज्यसभा की एक सीट के लिए कांग्रेस और मुस्लिम लीग में सहमति बन सकती है। आईयूएमएल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कादर मोहिदीन ने हिदुस्तान टाइम्स को बताया, 'यह सीट केरल से किसी के पास जाएगी। यहां बहुत सारे युवा हैं और हमारी पार्टी सीट के लिए योग्य युवा का चयन करेगी।' मोहिदीन ने कहा-'हमारी पार्टी के नेताओं ने फैसला किया है कि वे इसे किसी बाहरी व्यक्ति को नहीं देंगे। इसलिए हमारी अंदरूनी चर्चाओं में गुलाम नबी आज़ाद की बात नहीं हुई।'
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आपको बता दें कि अप्रैल में केरल से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होंगे। केरल विधानसभा के विधायकों के अनुपात को देखें तो तीन में से दो सीटें दो सीटें सत्तारूढ़ एलडीएफ के पास चली जाएंगी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को सिर्फ एक सीट मिलेगी। ऐसी स्थिति में पहले यह कयास लगाए जा रहे थे इस एक सीट के जरिए कांग्रेस एक बार फिर गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा में भेज सकती है। लेकिन कांग्रेस के दो बड़े रणनीतिकारों की बातों और मुस्लिम लीग के अध्यक्ष के बयान यह लग रहा है कि गुलाम नबी आजाद की खाली हुई सीट पर मुस्लिम लीग के खाते में जा सकती है।
आईयूएमएल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कादर मोहिदीन ने कहा कि मुस्लिम लीग यूडीएफ के समर्थन से अपने उम्मीवार को मैदान में उतारेगा। उन्होंने कहा-'कांग्रेस के साथ हमारी अच्छी समझ है। वायनाड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हमारी पारंपरिक सीट थी। लेकिन 2019 में हमने राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के लिए उस सीट पर अपने दावे छोड़ दिए।'