नई दिल्ली: किसान कानून के विरोध में दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने को लेकर बड़ा बयान दिया है। राकेश टिकैत ने कहा है कि "हम चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन वोट की चोट देंगे।" राकेश टिकैत ने कहा कि 5 सितंबर को एक बड़ी किसान पंचायत का आयोजन किया जाएगा जिसमें किसान आंदोलन के लिए आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
इस तरह की मीडिया रिपोर्ट्स आ रही थी कि राकेश टिकैत आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में राकेश टिकैत के एक बयान का हवाला देते हुए कहा गया था कि किसान संगठनों ने उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कमर कस ली। राकेश टिकैत के जिस बयान का हवाला दिया गया था उसमें राकेश टिकैत ने कहा था कि किसानों नेताओं के सामने चुनाव लड़ने का विकल्प खुला है। लेकिन अब राकेश टिकैत ने चुनाव लड़ने की खबरों को खारिज कर दिया है।
उन्होंने ट्वीट किया कि किसानों को खालिस्तानी बताने वाले यह समझ ले कि रावण की लंका में आग एक वानर ने ही लगाई थी। पूरी सोने की लंका को जलाकर नष्ट और तहस नहस कर दिया था। यदि ये सरकार भी किसानों के हित के लिए काम नहीं करती है तो उसी तरह से सरकार को भी भुगतना पड़ेगा।
इससे पहले टिकैत ने साफ किया है कि सरकार कितना भी षड्यंत्र रच ले, हम लोग पीछे हटने वाले नहीं है। 22 जुलाई से संसद के मानसून सत्र के दौरान रोजाना कम-से-कम 200 आंदोलनकारी धरनास्थलों से संसद भवन पहुंचेंगे और वहां पर प्रदर्शन करेंगे। धरनास्थलों से सभी लोग बसों या कारों के जरिए संसद तक जाएंगे।
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