जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नरेन्द्र मोदी को राष्ट्रपिता कहने पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उनके (मोदी) दिल में महात्मा गांधी के प्रति प्रेम जागृत हुआ है तो उन्हें तभी ट्रंप से कहना चाहिए था कि भारत के एकमात्र राष्ट्रपिता हैं ‘महात्मा गांधी।’’ गहलोत ने कहा कि यदि महात्मा गांधी के प्रति प्रधानमंत्री मोदी का प्रेम जागृत हुआ है तो उन्हें तभी अमेरिकी राष्ट्रपति से कहना चाहिए था कि भारत का एक ही राष्ट्रपिता है और एक ही रहेगा। उनका नाम है मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हें हम महात्मा गांधी कहते हैं, लेकिन वह चुप रहे, इससे ऐतराज है।
उन्होंने कहा, ‘‘गांधी जयंती के अवसर पर मुझे इससे ऐतराज है कि ट्रंप जब प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रपिता कह रहे थे तो उन्होंने इसपर आपत्ति क्यों नहीं की। यदि उनके मन में महात्मा गांधी के प्रति आदर है तो वह वहां चुप क्यों रहे? उन्हें तभी ट्रंप से कहना चाहिए था कि आप क्या कह रहे हैं, देश के एक राष्ट्रपिता हैं, वही रहेंगे। उनका नाम मोहनदास करमचंद गांधी है जिन्हें हम महात्मा गांधी कहते हैं। उन्हें ऐसा कहना था। लेकिन वह चुप रहे। मुझे उनकी चुप्पी पर ऐतराज है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के प्रयासों के कारण आज गांधी जयंती दुनिया भर में अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में देश में घृणा और भय का माहौल बन रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा और राष्ट्र सेवक संघ को देश से माफी मांगनी चाहिए कि 70 में भी वह महात्मा गांधी के विराट व्यक्तित्व को समझ नहीं सके।
गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, आरएसएस और भाजपा ने 70 साल तक महात्मा गांधी का नाम नहीं लिया और अब कुछ साल से नाम लेने लगे हैं। कोई बात नहीं लेकिन कम से कम देश से माफी तो मांगिए कि इतने वर्षों में आप महात्मा गांधी के विराट व्यक्तित्व को समझ नहीं सके।