रायपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार रोहिंग्या मुसलमानों के लिए बांग्लादेश को मदद कर सकती है तब उन्हें भारत में आश्रय क्यों नहीं दिया जा रहा है।
सिंह ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को भारत आने की अनुमति नहीं दे रही है, क्योंकि ऐसी आशंका है कि इनके बीच में आतंकी भी हो सकते हैं। लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री ने किसी भी ऐसे व्यक्ति के (रोहिंग्या समुदाय के) नाम का खुलासा नहीं किया है जो आतंकवादी संगठन से जुड़ा है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी देश पर निर्भर करता है कि वह किसी को शरण देता है या नहीं। रोहिंग्या ने अपने लिए शरणार्थी स्थिति की मांग की है। वहीं कई हिंदू भी म्यामांर छोड़ रहे हैं। मानवाधिकार चार्टर के अनुसार किसी भी व्यक्ति को उसके धर्म के आधार पर आश्रय देने से इंकार नहीं किया जा सकता।
सिंह ने कहा कि पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के लोग अत्याचारों के बाद भारत आए थे तब उनमें से अधिकांश मुसलमान होने के बावजूद उन्हें शरण दिया गया था। सिंह ने कहा कि सरकार रोहिंग्या को शरण देने से इंकार कर रही है जबकि दूसरी ओर बांग्लादेश को उनकी मदद के लिए पैसा दिया जा रहा है। हम पूछते हैं कि सरकार ऐसा क्यों कर रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर के उस बयान की भी निंदा की जिसमें उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने की वकालत करने पर वरूण गांधी के विचारों को राष्ट्रहित के खिलाफ बताया था। छत्तीसगढ़ में सूखे की स्थिति पर चिंता व्यक्त करने हुए सिंह ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा के माध्यम से निजी बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकार ने स्वयं ही संसद में बताया था कि खरीफ वर्ष 201516 में किसानों ने 16.50 हजार करोड़ रूपए का प्रीमियम जमा किया था। बीमा कंपनियों ने दावा निपटारे के बाद 10.50 हजार करोड़ रूपए का लाभ अर्जित किया था। इससे यह पता चलता है कि यह योजना बीमा कंपनियों को लाभ देती है किसानों को नहीं।
हाल ही में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा द्वाराकाधीश के दर्शन को लेकर पूछे गए सवाल पर सिंह ने कहा कि भाजपा धर्म का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस धर्म का सम्मान करती है। भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है, यह हिंदू, सिख मुस्लिम और ईसाई सहित सभी का देश है। हमारे संविधान के निर्माताओं ने हमें एक समाजवादी धर्मनिरपेक्ष राज्य दिया है।
उन्होंने कहा कि जनसंघ तथा आरएसएस ने भारतीय संविधान और बाबासाहेब अम्बेडकर का विरोध किया और उनके पुतले जलाए। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज भी जलाया। वर्ष 1947 से 1962 तक आरएसएस कार्यालय में ध्वज फहराया नहीं गया था। हम कांग्रेस धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगते है। बल्कि भाजपा और आरएसएस ने धर्म को अपने स्वार्थ के लिए बेचा है।
कांग्रेस के नेतृत्व को केवल नेहरू गांधी परिवार तक ही सीमित होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे पास उनके अलावा कोई विकल्प नहीं है।
छाीसगढ़ सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री, मंत्रियों के साथ नौकरशाह भी भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं।