नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि अगर पार्टी के अंदर चुनाव नहीं कराए गए तो अगले 50 वर्षों तक कांग्रेस पार्टी को विपक्ष में बैठना होगा। गुलाम नबी आजाद ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिये इंटरव्यू में यह बात कही। आजाद ने जोर देकर कहा, 'कांग्रेस के अंदर एक प्रतिशत लोग भी नियुक्त किये हुए अध्यक्ष नहीं चाहते हैं।'
हाल में संपन्न कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले 23 नेताओं की चिट्ठी पर हस्ताक्षर करनेवालों में गुलाम नबी आजाद का नाम भी प्रमुखता से उभरा था। गुलाम नबी आजाद ने अपने इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति से लेकर पार्टी के सभी महत्वपूर्ण पदों, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष पदों पर नियुक्ति चुनाव के माध्यम से होना चाहिए। आजाद ने कहा कि जो लोग चुनाव का विरोध कर रहे हैं उन्हें डर है कि कहीं ये पद उनके हाथ से निकल न जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर निर्वाचित लोगों को नेतृत्व मिलने से पार्टी का भविष्य बेहतर होगा नहीं तो 'अगले 50 वर्षों तक कांग्रेस को विपक्ष में बैठना होगा।'
गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'जब आप चुनाव लड़ते हैं तो पार्टी के अंदर दो से तीन लोगों से आपका मुकाबला होता है। जो शख्स 51 फीसदी वोट हासिल करेगा वो चुना लिया जाएगा। अन्य लोगों को मान लीजिए 10 से 15 फीसदी वोट मिलते हैं। अब जो शख्स जीतता है और अध्यक्ष का दायित्व संभालता है उसके साथ पार्टी के 51 फीसदी लोगों का समर्थन है। चुनाव का यही फायदा है कि जो चुना गया वह पार्टी के 51फीसदी लोगों का भरोसा जीतकर अध्यक्ष बना है। 51फीसदी लोगों का समर्थन उसे हासिल है। लेकिन अभी क्या हो रहा है? जो शख्स अध्यक्ष बनता है उसे एक प्रतिशत लोगों का भी समर्थन नहीं है।'
आजाद ने कहा कि संगठन के चुनाव में जो लोग दूसरे या तीसरे स्थान पर रहेंगे, वे लोग भी अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए मेहनत करेंगे, पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे ताकि अगले चुनाव में उन्हें सफलता मिल सके। आजाद ने कहा कि चुनाव पार्टी की नींव को मजबूत करती है। आजाद ने कहा कि राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति भी बड़े नेताओं की पैरवी से होती है।
इनपुट-ANI DIGITAL