नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मानवाधिकार हनन पर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और इन मामलों को लेकर पार्टी दोहरा मापदंड अपनाती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में मानवाधिकार हनन पर गांधी परिवार चुप क्यों है? संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी के उस भाषण का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने मानवाधिकार को लेकर राजनीतिक रंग की बात कही थी।
संबित पात्रा ने मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा-'आज पीएम मोदी ने कहा, मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है, राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है, राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तौला जाता है। इस तरह का सलेक्टिव व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है।'
संबित पात्रा ने कहा-'पीएम मोदी ने देश को याद दिलाया की मानव अधिकार एक संवेदनशील विषय है और अगर इसमें पक्षपातपूर्ण रवैया हो और राजनीति करें, कि यह जो घटनाएं हो रही है वह कांग्रेस शासित राज्यों में हो रही है इसलिए इनपर हमें चुप रहना चाहिए।'
संबित पात्रा ने कहा-'कुछ उदाहरण हैं, उत्तर प्रदेश में किस प्रकार की राजनीति करने की कोशिश हो रही है, मैं फिर कहता हूं कि लखीमपुर खीरी में जो हुआ वह दुखद है और उस पूरे मामले में जांच चल रही है, लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियां वहां पर वोट की खेती करने की कोशिश कर रही हैं और खासकर गांधी परिवार।'
राजस्थान की घटना का जिक्र करते हुए संबित पात्रा ने कहा-'प्रियंका जी और राहुल जी आज अपने आप को मानव अधिकार के चैंपियन के तौर पर प्रस्तुत कर रहे हैं, लेकिन राजस्थान के हनुमानगढ़ में प्रेमपुरा गांव में कुछ दिन पहले जगदीश मेघवाल नाम के युवा को पीटकर बेरहमी से मार दिया गया और उसके मृत शरीर को उसी घर के सामने फेंक दिया गया, पूरे जघन्य कृत का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया गया ताकि राजस्थान के दलित समुदाय में संदेश जाए कि दलित सिर उठाकर नहीं जी सकता, आखिर क्यों, इतना बढ़ा जघन्य अपराध राजस्थान में हो जाता है, क्या आपने राहुल प्रियंका या अखिलेश यादव को वहां जाते हुए देखा, बंगाल के किसी नेता को वहां जाते हुए देखा, नहीं देखा, किसी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट नहीं किया।'
संबित ने राजस्थान की एक और घटना का जिक्र किया और कहा-'कुछ दिन पहले राजस्थान के ही जालौर में जीतेंद्र बामनिया एक दलित युवक के साथ लिंचिंग करने का प्रयास होता है, उसे पीटा जाता है, मारा जाता है, मुर्गा बनाकर बैठाया जाता है, जूंतों और डंडों से मारा जाता है अपमानित किया जाता है, लेकिन राजस्थान का प्रशासन चुप है और कोई कार्रवाई नहीं होती, क्या राजस्थान के दलित का कोई मानव अधिकार नहीं है? क्योंकि कांग्रेस पार्टी को राजस्थान के दलितों पर हो रहे अत्याचार से कोई वोट का फायदा नहीं होने वाला, इसलिए वहां के विषय पर चुप्पी साधना और दूसरे राज्यों में जाकर वहां सड़क पर लड़ाई करना कांग्रेस पार्टी का चरित्र बन चुका है।'
अलवर की घटना का जिक्र करते हुए संबित ने कहा-' योगेश जाटव 19 वर्ष का जो राजस्थान के अलवर का है, केवल उसकी बाइक का शीशा किसी की गाड़ी के साथ हल्के से छूने से विशेष समुदाय के लोगों ने पीट-पीटकर योगेश जाटव की हत्या कर दी। क्या एक दिन भी आपने कांग्रेस या टीएमसी के नेताओं से सुना, क्या एक दिन भी राहुल गांधी से सुना की राजस्थान में लोकतंत्र खत्म हो गया। राहुल गांधी ने एक भी ट्वीट नहीं किया क्योंकि योगेश जाटव की गलती थी कि वह राजस्थान का दलित था। और राजस्थान में कांग्रेस का शासन है।
राजस्थान के बाद संबित पात्रा ने झारखंड का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा-'झारखंड में सितंबर के महीने में दलित लड़की के साथ गैंगरेप होता है। 16 वर्ष की हमारी बहन के साथ जघन्य अपराध होता है। वह भी दलित थी लेकिन किसी ने भी उसके मानव अधिकार की बात नहीं की। आज भी अपराधी खुले घूम रहे हैं क्योंकि वह भी कांग्रेस शासित राज्य है।
संबित ने कहा-'राजस्थान में दलितों के खिलाफ कांग्रेस शासन में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, यह एनएचआरसी की रिपोर्ट है, इसके बावजूद कांग्रेस टस से मस नहीं हुई है। हनुमानगढ़ में वहां के प्रशासन ने किसानों के ऊपर बर्बरता से लाठी और डंडे बरसाए क्योंकि वहां के किसान अपने अन्न की खरीदी के लिए कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन कर रहे थे। राजस्थान में दलित महिलाएं या किसान प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं क्या? राहुल गांधी पूरे भारत में जाकर दलितों महिलाओं और किसानों के मानव अधिकार के चैंपियन बनते हैं।'
संबित ने महाराष्ट्र की घटना का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा-' डोंबीवली में एक महिला के साथ गैंगरेप हुआ, नागपुर में एक महिला के साथ रेप हुआ है, साकीनाका में घटना घटी, महाराष्ट्र में महा वसूली अघाड़ी सरकार लोगों पर डंडे बरसा रहे थे लेकिन एक बार भी उन्होंने महिलाओं के अधिकार के लिए आवाज नहीं उठाई।'