पटना. बिहार में नीतीश कुमार ने सोमवार को 7वीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। हालांकि इस दौरान लंबे समय से सरकार ने उनके साथ काम कर रहे सुशील मोदी को कैबिनेट में जगह नहीं मिली। सुशील मोदी को भाजपा ने डिप्टी सीएम का पद क्यों नहीं लेने दिया, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। अब इस मसले पर राजद के सीनियर नेता शिवानंद तिवारी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि BJP के लिए सुशील मोदी का रोल घट रहा था और नीतीश के सहयोगी के तौर पर बढ़ रहा था।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, "सुशील मोदी की भूमिका भाजपा के कम और नीतीश कुमार के सहयोगी की अधिक हो गई थी। मुझे लगता है कि इसीलिए इबार बीजेपी ने उन्हें हटा दिया। वह अन्य भाजपा नेताओं को उठने नहीं दे रहे थे। वह रोजाना सभी विषयों पर बोलते थे और अखबार / टीवी में छपने के बिना नहीं रह सकते थे।"
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उन्होंने आगे कहा कि मेरी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है, वह मेरे छोटे भाई की तरह हैं। लेकिन उनका व्यक्तित्व गहराई की कमी को दर्शाता था। मुझे लगता है कि यही कारण है कि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें इस बार राज्य मंत्रिमंडल में पद नहीं दिया।
कांग्रेस को ठहराया था महागठबंधन की हार का जिम्मेदार
इससे पहले शिवानंद तिवारी अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना को लेकर चर्चाओं में थे। शिवानंद तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस महागठबंधन के पांव की ज़ंजीर बन चुकी है। कांग्रेस के 70 उम्मीदवार चुनाव लड़े और कांग्रेस ने 70 सभाएं भी नहीं की। अन्य प्रदेशों में भी कांग्रेस अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने पर जोर देती है लेकिन अधिक सीटों पर जीतने में असफल रहती है।पढ़ें- आधुनिक भारत की गाथा कई मायनों में सफल: बराक ओबामा
शिवानंद यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, "इस तरह से पार्टी नहीं चला सकते हैं। यहां चुनाव हो रहा है, राहुल गांधी प्रियंका गांधी के घर जाकर शिमला में पिकनिक मना रहे हैं। इस तरह से पार्टी चलती है क्या। आरोप तो ये लग सकता है कि कांग्रेस पार्टी जिस तरह से अपना कारोबार चला रही है, उससे भारतीय जनता पार्टी को मदद मिल रही है।"