लखनऊ: अखिलेश सरकार ने साख सुधारने के चलते अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया है। उन्होंने 5 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्रियों को पद मुक्त कर दिया। अखिलेश सरकार में मंत्रियों पर मुलायम और अखिलेश यादव के अलावा रामगोपाल यादव भी नजर रखे थे। कहा जाता है कि अखिलेश यादव हर महीने अपने मंत्रियों का फीडबैक लेते है। मुलायम सिंह यादव भी मंत्रियों के इलाके के लोगो से मंत्रियों के बारे में रिपोर्ट लेते है। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद मुलायम सिंह ने राम गोपाल यादव से मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड बनाने को कहा था।
मुलायम सिंह कई बार खुले मंच से अखिलेश यादव सरकार के मंत्रियों के काम काज पर नाराजगी जता चुके है। अब जब 2017 का चुनाव नजदीक है तो अखिलेश सरकार को नया चेहरा देने के लिए आज 8 मन्त्री बर्खास्त कर दिए और नौ मंत्रियों से विभाग छिन लिए गए। लेकिन मंत्रियों की बर्खास्तगी में इस बात ख़ास ध्यान रखा गया है कि इससे पार्टी को नुकसान ना हो। जिन मंत्रियों से विभाग छीने गए है..उनमें से काफी मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड अच्छा नही है लेकिन सपा को लगाता है कि उन्हें मंत्रिमंडल से निकालने से पार्टी का काफी नुकसान होगा इसलिये उन्हें अब कम महत्व के विभाग देने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मंत्रीमडल से जो 8 मंत्री हटाए गए है उनके हटाने की वजह
1.राजा अरिदमन सिंह- ये अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। इनके पास स्टाम्प और नागरिक सुरक्षा विभाग है। कहा जा रहा है कि ये 2007 के चुनाव के पहले बीजेपी में जा रहे है। लोकसभा चुनाव में इनके बेटे ने सपा से बगावत कर दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे।
2. अंबिका चौधरी- ये पिछड़ा वर्ग कल्याण और विकलांग कल्याण के कैबिनेट मंत्री थे। पहले इनके पास राजस्व विभाग था जो बाद में इनसे छिन लिया गया। सपा की लहर के बावजूद 2012 में बलिया से विधानसभा चुनाव हार गए लेकिन मुलायम के करीबी होने की वजह से मंत्री बने। बाद में एमएलसी बनाए गए। पार्टी में लोगों ने इनकी शिकायत की थी और अखिलेश यादव भी इन्हें पसंद नहीं करते।
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3. नारद राय- ये बलिया से विधायक है और खादी विभाग में कैबिनेट मंत्री थे। इन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से हटाया गया।
4. शिवकुमार बेरिया- ये कन्नौज से विधायक है और खादी विभाग में कैबिनेट मंत्री थे। इनकी लोगों ने शिकायत की थी कि ये काम नहीं करते।
5. शिवाकांत ओझा- ये प्रावधिक शिक्षा मंत्री थे। मुलायम सिंह यादव को शिकायत मिली थी कि ये 2017 चुनाव के पहले बीजेपी में शामिल हो जाएंगे।
6. आलोक कुमार शाक्य- ये मैनपुरी से विधायक है और प्रावधिक शिक्षा राज्य मंत्री थे। मुलायम सिंह को शिकायत मिली कि ये इलाके में काम नहीं करते। मैनपुरी उपचुनाव में इन्होंने सपा को नुकसान पहुंचाया।
7. योगेश प्रताप सिंह- ये शिक्षा राज्यमंत्री थे। इनसे अखिलेश और मुलायम सिंह दोनों नाराज हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इन्हें हटाया गया।
8. भगवत शरण गंगवार- ये लघु उद्योग और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री थे। रामगोपाल यादव ने मुलायम सिंह को जो रिपोर्ट दी उसमें इनके खिलाफ इलाके में काम ना करना और जमीन पर कब्जा करने का आरोप है।
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