नई दिल्ली: भाजपा ने अपने 22 साल के राज को एक बार फिर गुजरात में कायम रखा है लेकिन अब गुजरात के मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बन गया है। विजय रुपाणी राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे या नहीं इसका फैसला अब विधायक दल की बैठक के बाद ही लिया जाएगा। वैसे जिस तरह विजय रुपाणी के नाम को आगे करके भाजपा ने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता उस हिसाब से तो रुपाणी अपने टेस्ट में पास हो गए हैं। लेकिन सस्पेंस इसलिए हैं क्योंकि जीत के बाद भी गुजरात के अगले सीएम की तस्वीर साफ नहीं है। इतना ही नहीं नतीजों से पहले ही इंडिया टीवी से खास बातचीत में गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने कह दिया था कि फैसला विधायक दल की बैठक के बाद होगा।
भाजपा हाईकमान ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को गुजरात का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। वो गुजरात जा कर सभी विधायकों से बातचीत करेंगे और जानेंगे कि विधायकों के दिल में क्या है, फिर सीएम पर फैसला होगा। जब ख़ुद विजय रुपाणी से इस मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि विधायक दल की बैठक का फैसला ही आखिरी फैसला होगा।
सूत्रों की मानें तो गुजरात में विजय रूपाणी के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति को यह पद दिया जा सकता है। जानकारी के अनुसार पार्टी को एक ऐसा चेहरा चाहिए, जो गुजरात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कि लोकप्रियता की बराबरी भले ही ना कर पाए, पर गुजरात में भाजपा ने जिस विकास का भरोसा दिलाया है उसे पूरा कर सके। जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे और साथ ही भाजपा नेताओं को संगठित करने में भी सक्षम हो, जो इस चुनाव में अलग-थलग होते दिखे।
वहीं सूत्रों के अनुसार दौड़ में कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग और शिपिंग के राज्य मंत्री मनसुख मांडविया और वजुभाई वाला का नाम आ रहा हैं। यानी गुजरात में छठी बार जीत की विजयगाथा लिखने के बाद अब माथापच्ची राज्य के मुखिया को लेकर है। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में ये तस्वीर भी साफ हो जाएगी।