क्या है AIMIM का इतिहास?
एमआईएम को 1936 में नवाब नवाज किलेदार ने शुरू किया था जब हैदराबाद एक स्वतंत्र राज्य था और वहां नवाबों का शासन था। उस वक़्त मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन केवल एक सांकृतिक अंग था, लेकिन बाद में यह मुस्लिम लीग के साथ जुड़ने के बाद पूरी तरह से एक राजनितिक संगठन में बदल गया और उसके बाद राजनीतिक पार्टी में।
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन उस वक़्त अलग मुस्लिम राज्य के लिए मुस्लिम लीग के साथ रहा। एमआईएम पार्टी का हैदराबाद के रजाकारों (स्वयंसेवकों) से गहरा रिश्ता रहा है और रजाकार हमेशा हैदराबाद रियासत को भारत में शामिल करने के खिलाफ थे और यही वजह है 1948 से 1957 तक एमआईएम को बैन किया गया था।
ओवैसी परिवार के हाथ में पार्टी की बाग़डोर उस समय आई जब 1957 में इस संगठन पर से बैन हटाया गया। 1957 में इस पार्टी ने अपने नाम में "ऑल इंडिया" जोड़ा और साथ ही अपने संविधान को बदला।
AIMIM ने अपनी पहली चुनावी जीत 1960 में दर्ज की जबकि सलाहुद्दीन ओवैसी हैदराबाद नगर पालिका के लिए चुने गए और फिर दो वर्ष बाद वो विधानसभा के सदस्य बने तब से मजलिस की शक्ति लगातार बढ़ती गई। 2009 के चुनाव में AIMIM ने विधानसभा की सात सीटें जीतीं जोकि उसे अपने इतिहास में मिलने वाली सब से ज्यादा सीटें थीं। हाल ही में उसने महाराष्ट्र के नांदेड़ नगर पालिका में 11 सीटें जीत कर हलचल मचा दी।