नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा खुद का गोत्र शांडिल्य बताए जाने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने निशाना साधा है। गिरिराज ने कहा है कि मुझे गोत्र बताने की जरूरत नहीं है क्योंकि मैं अपने गोत्र के साथ नाम लिखता हूं। उन्होंने कहा, ‘हमारे नेताओं को हिंदू या मुसलमान बताने की जरूरत नहीं है। दीदी ने जब अपना गोत्र बताया तो मुझे बड़ी खुशी हुई लेकिन दीदी से मैं कहता हूं कि बहुत देर कर दी हजूर आते-आते, 10 साल लग गए आपको गोत्र बताते बताते।’
‘मूर्ति विसर्जन पर आपकी लाठियां चल रही थीं’
ममता पर निशाना साधते हुए गिरिराज ने कहा, ‘आप भूल गईं कि आपके ही संगोत्री, शांडिल्य गोत्र के चाहने वाले जब दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन करने जा रहे थे तो आपकी लाठियां चल रही थी, उन्हें कोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा था। रामनवमी की जलूस में आपकी लाठियां खा रहे थे इसी शांडिल्य गोत्र वाले। लगता है दीदी कि पहले चरण के चुनाव में ही आपने हारने के डर से अपना गोत्र बता दिया, लगता है आप सचमुच हार गईं हैं।’
मोदी जी के डर से ममता दीदी ने बताया गोत्र’
गिरिराज ने कहा, ‘ममता दीदी हार रही हैं। बौखलाहट और घबराहट में मोदी जी के डर से उन्हें अपना गोत्र बताने के लिए मजबूर होना पड़ा, कल तक आप कलमा पढ़ रही थीं आज चंडी जाप कर रही हैं। आपने जब रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए रेड कार्पेट बिछाया था, क्या उस समय भी आपका गोत्र शांडिल्य ही था? मैं आपका संगोत्री हूं। जिस मतुआ समाज ने आपको सत्ता मे लाने का काम किया था, उसको नागरिकता मिलनी थी तो, आपने कहा कि सीएए लागू नहीं होगा। इनको चुनाव के समय गोत्र याद आता है।’
‘राहुल बाबा लाल चंदन लगाकर घूम रहे हैं’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘असम में राहुल बाबा एकदम लाल चंदन लगाकर घूम रहे हैं। ये गुजरात के चुनाव में भी त्रिपुंड लगाकर, जनेऊ पहन घूम रहे थे। गोत्र भी बता दिया था दत्तात्रेय। हमने अपना गोत्र अपने पिता से लिया। शायद उन्होंने अपना गोत्र राजीव गांधी से लिया होगा और राजीव गांधी ने शायद फिरोज गांधी से लिया होगा। इसी समय गोत्र बताने की क्या जरूरत पड़ी? दीदी और राहुल गांधी तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं इसलिए वोट के लिहाज से इन्हें अपना गोत्र बताना पड़ता है।’