कोलकाता: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद मुकुल रॉय ने सोमवार को ऐलान किया कि वह दुर्गा पूजा के बाद पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। मुकुल के इस ऐलान के बाद पार्टी भी हरकत में आई और उन्हें 6 साल के लिए तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया है। पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने रॉय के निलंबन की घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण तृणमूल कांग्रेस से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। मुकुल के इस फैसले को ममता बनर्जी और पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। (पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी को बड़ा झटका, इस बड़े नेता ने किया TMC छोड़ने का ऐलान)
रॉय ने अपने फैसले के बारे में बात करते हुए कहा, ‘जब पार्टी की स्थापना हुई थी तब उसके लिए हस्ताक्षर करने वालों में एक मैं भी था। आज भारी मन से मैं घोषणा कर रहा हूं कि मैं आज पार्टी की कार्यसमिति से इस्तीफा दे दूंगा। दुर्गा पूजा पर्व संपन्न होने के बाद मैं राज्यसभा से और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफे दे दूंगा।’ रॉय ने कहा कि वह दुर्गा पूजा के बाद स्पष्टीकरण देंगे कि क्यों वह पार्टी छोड़ रहे हैं और क्यों वह ऐसा करने के लिए बाध्य हुए। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पिछले सप्ताह बीजेपी नेताओं से नजदीकी बढ़ाए जाने की खबरों के बीच उन्हें फटकार लगाई थी और कहा था कि वह उन पर गहरी नजर रख रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह बीजेपी में जाएंगे, रॉय ने कहा, ‘जो भी मुझे कहना है वह मैं दुर्गा पूजा के बाद कहूंगा। लेकिन मैं यह उल्लेख करना चाहूंगा कि बंगाल के लोग दुर्गा पूजा के दौरान राजनीतिक विवाद पसंद नहीं करते।’
मुकुल रॉय। (पीटीआई फोटो)
तृणमूल कांग्रेस में कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले मुकुल रॉय 19 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र जागो बांग्ला के दुर्गा पूजा संस्करण का विमोचन करने के लिए आयोजित समारोह में नहीं पहुंचे थे। समारोह में ममता बनर्जी तथा तृणमूल कांग्रेस के सभी नेता एवं पदाधिकारी मौजूद थे। हाल ही में तृणमूल कांग्रेस ने अपनी समिति के पुनर्गठन का निर्णय किया था जिसके बाद रॉय को पार्टी के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। इससे पहले रॉय को त्रिपुरा में पार्टी मामलों के प्रभारी के पद से हटा दिया गया था। वहां तृणमूल कांग्रेस अपनी जड़ें मजबूत करने का प्रयास कर रही थी लेकिन इस साल के शुरू में उसके कई सदस्य बीजेपी में चले गए।