नई दिल्ली: सत्तारूढ़ भाजपा ने आरोप लगाया है कि पिछली कांग्रेस सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को 100 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जब 1991 में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, लेकिन धनराशि का वितरण नहीं किया जा सका था।
इस पर अब कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया है। पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री चीन से लड़ें और हमारे क्षेत्र से चीनी सैनिकों को वापस खदेड़ दें, लेकिन वह कांग्रेस से लड़ रहे हैं। भाजपा रोजाना ऐसे आरोप लगा रही है, जिनका कोई आधार नहीं है।"
भाजपा ने 1991-92 के आम बजट भाषण के दस्तावेज जारी करते हुए इस मुद्दे को उठाया है। बजट भाषण में कहा गया था कि सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है। यह धनराशि 20 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की दर से पांच वर्षो के लिए दी जाएगी। हालांकि, बताया जा रहा है कि उस वक्त विपक्ष के हंगामे के कारण बजट आवंटन के बावजूद सरकार यह धनराशि फाउंडेशन को जारी करने में सफल नहीं हुई थी।
बजट दस्तावेजों के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके नाम पर बने फाउंडेशन को आम बजट में सौ करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने की थी। इससे पहले भाजपा ने आरजीएफ को चीन की सरकार व चीनी दूतावास से दान मिलने संबंधी आरोप भी लगाए थे। इस पर कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भाजपा पाखंडपूर्ण रणनीति का इस्तेमाल कर रही है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था, "कृपया 2005 में रहना बंद कर दें और 2020 में सवालों का जवाब देना शुरू करें।"
आरजीएफ बोर्ड की अध्यक्ष कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं, जबकि इसके बोर्ड में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी सदस्य के तौर पर शामिल हैं।