राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने विजय दशमी के मौक़े पर आज कहा कि आतंकी गतिविधियों की वजह से रोहिंग्या म्यांमार से भागे हैं लेकिन रोहिंग्या देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं. रोहिंग्या अलगाववादी हैं और 'मानवता के नाम पर हम अपनी मानवता नहीं खो सकते.
हमें अपना इतिहास और संस्कृति समझने की ज़रुरत है. भागवत ने इस मौक़े पर नागपुर में स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमने आत्म स्वाभिमान को खो दिया है और हम अपना इतिहास भूल चुके हैं.
संघ के 92वें स्थापना दिवस पर भागवत ने मुंबई हादसे पर दुख व्यक्त किया और कहा कि संकट से आगे बढ़कर चलना ही ज़िंदगी है. उन्होंने कहा कि हमें मन से विदेशी प्रभाव हटाना पड़ेगा. आज हम विदेशी जो कहते हैं, मान लेते हैं लेकिन अपनी परंपरा अथवा इतिहास नहीं देखते.
भागवत ने कहा कि आरएसएस राजनीतिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक संगठन है. उन्होंने आरोप लगाया कि केरल और पश्चिम बंगाल सरकार संघ के ख़िलाफ़ हिंसा फ़ैला रहीं हैं. केरल और बंगाल में राष्ट्रविरोधी ताकतों का खेल चल रहा है.
संघ प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान सीमान्त राज्यों में समस्याएं खड़ी करता है. भागवत ने कहा कि J&K के लोगों तक विकास पहुंचना चाहिए. सरकार को बेहतर सुझावों के साथ कश्मीर पर आगे बढ़ना चाहिए.