मुम्बई: मुम्बई के एक होटल में रुके कर्नाटक के बागी विधायकों ने बृहस्पतिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप वे राज्य के विधानसभाध्यक्ष से मुलाकात करेंगे लेकिन अपने इस्तीफे वापस नहीं लेंगे। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 10 बागी विधायकों को शाम 6 बजे विधानसभाध्यक्ष से मुलाकात करने और इस्तीफा देने के अपने निर्णय से अवगत कराने की अनुमति प्रदान कर दी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष से कहा कि वह इन विधायकों के इस्तीफे के बारे में आज ही निर्णय लें। पीठ ने कहा कि अध्यक्ष द्वारा लिए गए फैसले से शुक्रवार को अवगत कराया जाए जब न्यायालय इस मामले में आगे विचार करेगा। न्यायालय के निर्देश पर प्रतिक्रिया व्यक्ति करते हुए यहां पोवई स्थित एक होटल में अन्य बागी विधायक साथियों के साथ ठहरे बागी विधायक बी बसावराज ने संवाददाताओं से कहा कि वे कर्नाटक के विधानसभाध्यक्ष से शाम चार बजे मुलाकात करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का सम्मान करते हैं। हम आज ही शाम चार बजे विधानसभाध्यक्ष से मिलेंगे और उन्हें हमारे इस्तीफे देंगे। हम अपने इस्तीफे वापस नहीं लेंगे।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कर्नाटक विधानसभा से उनके इस्तीफा देने के निर्णय के पीछे भारतीय जनता पार्टी (BJP) का हाथ है, बसावराज ने कहा, ‘‘हमारे निर्णय के पीछे भाजपा नहीं है। इसका भाजपा से कोई लेना देना नहीं है।’’
कांग्रेस, जेडीएस और निर्दलीयों सहित 14 विधायक कर्नाटक विधानसभा से इस्तीफा देने और दक्षिणी राज्य में गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद यहां के होटल में रुके हुए हैं। बुधवार को कर्नाटक के वरिष्ठ मंत्री डी के शिवकुमार को पुलिस ने तब होटल में प्रवेश करने से रोक दिया था जब उन्होंने बागी विधायकों से मुलाकात की जिद की। शिवकुमार को बाद में बेंगलुरू वापस भेज दिया गया था। यदि बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो दक्षिणी राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के बहुमत खोने का खतरा है।
गठबंधन में विधानसभाध्यक्ष को छोड़ कर कुल विधायकों की संख्या 116 (कांग्रेस-78, जेडीएस-37 और बसपा एक) है। कर्नाटक विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू होना है।