नयी दिल्ली: भाजपा विधायक और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने तीनों नगर निगमों और राज्य नाम प्राधिकरण में नियुक्तियों के आप सरकार के एकतरफा कदम को उप-राज्यपाल अनिल बैजल द्वारा मंजूरी दिए जाने को लेकर अप्रसन्नता और असंतोष जताया है।
गुप्ता ने कहा कि राज्य नाम प्राधिकरण और नगर निगमों में नियुक्ति के दिल्ली सरकार की दो कार्वाई को उपराज्यपाल से मंजूरी मिलने से वह क्षुब्ध हैं। उन्होंने कहा, उठाए गए कदम एकतरफा हैं और विपक्ष को दरकिनार करते हैं। नामकरण प्राधिकार के सात विधायक सदस्यों में से कोई भी विपक्ष से नहीं है। यह पहला उदाहरण नहीं है। उपराज्यपाल इसे मंजूरी प्रदान कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने इसी सप्ताह मंजूरी मिलने के बाद राज्य नाम प्राधिकरण का गठन किया है। निकाय का गठन सड़कों, रिहायशी इलाकों आदि के नाम रखने के बारे में फैसला करने के लिए किया गया है।
उपमुख्यमंत्री 34 सदस्यीय इस निकाय के प्रमुख हैं जबकि इसके सदस्यों में केंद्र सरकार के अधिकारियों के अलावा सात विधायक भी हैं।