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उपराष्ट्रपति चुनाव: जदयू के समर्थन को ठुकराने का सुझाव नहीं मानेंगे गोपालकृष्ण

नीतीश जब बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के समर्थन वाली बड़ी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे, तब उन्होंने गोपालकृष्ण को समर्थन देने की घोषणा की थी। इसके बाद नीतीश ने स्वयं ही दोनों पार्टियों से पल्ला झाड़ते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली

Written by: India TV News Desk
Published on: August 04, 2017 7:30 IST
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नई दिल्ली: विपक्षी पार्टियों की ओर से उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी ने गुरुवार को उस सुझाव को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें कहा गया था कि उन्हें जनता दल (युनाइटेड) का समर्थन नहीं लेना चाहिए। नीतीश कुमार द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाए जाने के बाद गोपालकृष्ण को यह सुझाव मिला था, जिसे उन्होंने मानने से इनकार कर दिया। बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार को भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हाथ मिलाने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता तारिक अनवर ने गोपालकृष्ण को सुझाव दिया था कि उन्हें जदयू का समर्थन लेने से इनकार करना चाहिए। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस

इस सुझाव के बारे में पूछे जाने पर गोपालकृष्ण ने कहा, "नीतीश बाबू ने जो फैसला लिया, वह उनका अपना फैसला था और यह उनका विशेषाधिकार है।" नीतीश जब बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के समर्थन वाली बड़ी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे, तब उन्होंने गोपालकृष्ण को समर्थन देने की घोषणा की थी। इसके बाद नीतीश ने स्वयं ही दोनों पार्टियों से पल्ला झाड़ते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से हाथ मिला लिया। लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि वह उप राष्ट्रपति के चुनाव में गोपालकृष्ण का समर्थन करेंगे।

गोपालकृष्ण ने नीतीश के फैसले पर किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा, "वर्तमान संदंर्भ में, मैं किसी भी राजनेता के बारे में अपनी राय नहीं दे सकता। यह उनका काम है कि वे उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के सापेक्ष गुणों का आकलन करें।" उन्होंने इसके साथ ही राजद की ओर से मिले समर्थन के बारे में अधिक चर्चा नहीं की, जिसके नेता भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक बार फिर यह उनका फैसला है और उनका विशेषाधिकार है। उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गोपालकृष्ण को कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिला हुआ है और पांच अगस्त को होने वाले चुनावों में उनके सामने राजग के उम्मीदवार वेंकैया नायडू होंगे।

गोपालकृष्ण गांधी के भांजे ने जताया विरोध

गोपालकृष्‍ण गांधी को उनके भांजे श्रीकृष्‍ण कुलकर्णी ने खत लिखा है और उनकी उम्‍मीदवारी पर सवाल उठाए हैं। कुलकर्णी ने लिखा, गांधीजी के कट्टर आलोचक भी इससे इनकार नहीं करेंगे कि गांधीजी ने विशेष परिवार में जन्‍म के कारण मिलने वाले फायदे का विरोध किया था।

कांग्रेस पार्टी पर नेहरू-गांधी परिवार का राज होने का विरोध करते हुए कुलकर्णी ने कहा, 'नेहरू-गांधी परिवार ने राजवंश को फिर से स्थापित कर दिया। कांग्रेस की अध्यक्ष इस पद पर पिछले 18 सालों से हैं उनकी जगह लेने के लिए उनका बेटा तैयार है। इतने सब के बावजूद आप उनके उम्मीदवार बनने को तैयार हैं? वंशवाद से घिरे होकर आपके नामांकन पत्र भरने की तस्वीरों को देख मुझे बेचैनी हो गई थी।'

उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा, 'इतने सालों में इतने सारे घोटाले और आपकी एक भी टिप्पणी भी नहीं। क्या आपको लगता है कि यह सबकुछ राजनीतिक साजिश है?' इसके अलावा उन्होंने खत में यह भी लिखा है 'नॉट इन गांधीजी नेम'। खत के आखिर में कुलकर्णी ने लिखा है, 'मुझे माफ करें गोपू मामा, लेकिन आपके इस फैसले से मेरे अंदर विश्वास नहीं जागता, बल्कि यह विश्वासघात है, मेरे अंदर आपके लिए स्नेह कभी कम नहीं होगा। उपराष्ट्रपति की दौड़ में मेरी शुभकामनाएं आपके साथ।'

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