Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा, 'अगर पुरुष पुनर्विवाह कर सकते हैं, तो महिलाएं क्यों नहीं?'

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा, 'अगर पुरुष पुनर्विवाह कर सकते हैं, तो महिलाएं क्यों नहीं?'

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को लोगों से विधवाओं के प्रति मानसिकता बदलने का आह्वान किया और कहा, "अगर कोई पुरुष पुनर्विवाह कर सकता है, तो महिला क्यों नहीं कर सकती?"

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 23, 2018 16:11 IST
M Venkaiah Naidu- India TV Hindi
M Venkaiah Naidu

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को लोगों से विधवाओं के प्रति मानसिकता बदलने का आह्वान किया और कहा, "अगर कोई पुरुष पुनर्विवाह कर सकता है, तो महिला क्यों नहीं कर सकती?" नायडू ने अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस पर एक समारोह में कहा, "लोगों की मानसिकता एक समस्या है, हमें इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है।" उन्होंने यह भी कहा कि विधवापन पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए दुखी करने वाला होता है, लेकिन महिलाओं को अधिक पीड़ा उठानी पड़ती है।

यहां विज्ञान भवन में लूमबा फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी उसी प्रकार की भावनाएं व्यक्त की।  प्रसाद ने कहा, "विधवाओं के सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदम तब तक सफल नहीं होंगे, जब तक कि इसे जन आंदोलन के रूप में नहीं लिया जाता। रुख में बदलाव के बिना हम ज्यादा कुछ नहीं बदल सकते हैं।" यह फाउंडेशन दुनिया भर में विधवाओं के लिए काम कर रहा है। इसकी शुरुआत 1997 में लॉर्ड राज लूमबा सीबीई ने की थी। लूमबा ने भारत सरकार से विधवाओं की स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।

लूमबा ने कहा, "भारत में 4.60 करोड़ विधवाएं हैं, जो किसी भी देश से अधिक है। मैंने भारत सरकार से महिलाओं के लिए राष्ट्रीय आयोग के साथ विधवाओं के लिए राष्ट्रीय आयोग स्थापित करने का आग्रह किया है। मैंने सरकार से अल्पसंख्यक वर्ग में महिलाओं को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया है।"

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement