अहमदाबाद: विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने सोमवार को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को तत्काल भंग करने की मांग वाला एक प्रस्ताव पारित किया है। विहिप का कहना है कि इससे 'अलगाववादी मानसिकता को विश्वसनीयता मिलती है'।
गुजरात के खेड़ा जिले के वडताल में 24-25 जून को हुई विहिप की केंद्रीय शासी परिषद की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि अल्पसंख्यक आयोग इस प्रकार का वातावरण बनाता है जैसे भारत में मुस्लिम व ईसाई समाज पीड़ित है।
प्रस्ताव में कहा गया है, "वास्तव में ये न केवल हिंदू समाज अपितु अन्य अल्पसंख्यकों जैसे बौद्ध व सिख समाज पर भी बर्बर अत्याचार करते हैं। इसलिए जेहादी व मिशनरी पीड़ित नहीं अत्याचारी हैं। ये अल्पसंख्यक आयोग जैसी संस्थाओं का लाभ लेकर अपने लिए सहानुभूति अर्जित करते हैं, जिससे ये अपने हिंदू विरोधी व देश विरोधी षडयंत्रों को निर्बाध रूप से चलाते रहते हैं।"
विहिप ने इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से यह भी मांग की है कि संसद में अविलंब कानून लाकर राम मंदिर के निर्माण की दिशा में सार्थक कदम उठाए जाएं।