मुंबई: शिवसेना ने आज कहा कि कर्नाटक में राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा बीएस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए दिए गए 15 दिनों के समय को घटाने का उच्चतम न्यायालय का फैसला यह दिखाता है कि राज्यपाल ने भाजपा की मदद की और वह गलत थे। (कर्नाटक में BJP सरकार गिरी, इमोशनल स्पीच देकर वाजपेयी के अंदाज में येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा)
शिवसेना ने कहा कि कर्नाटक में सत्ता के लिए संघर्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जिसने राज्यपाल के फैसले को रद्द कर दिया। पार्टी ने कहा कि शीर्ष न्यायालय ने कर्नाटक में भाजपा को झटका दिया। इसने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में नैतिकता, एक पार्टी के प्रति वफादारी, विश्वास अतीत की बातें हो गई हैं। पिछले कुछ बरसों में राजनीति का स्तर गिरा है।
गौरतलब है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने शपथ लेने के दो दिनों बाद आज पद से इस्तीफा दे दिया। येदियुरप्पा ने विधानसभा में बहुमत के लिए पक्ष में आवश्यक सदस्यों की संख्या न होने के कारण इस्तीफा दे दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद शनिवार को आयोजित बहुमत परीक्षण के दौरान येदियुरप्पा बहुमत के लिए आवश्यक सदस्यों की संख्या नहीं जुटा सके। विधानसभा में अपने भाषण के बाद उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की और वह राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने राजभवन चले गए।
12 मई को हुए विधानसभा चुनाव में 104 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जबकि कांग्रेस के पास 78 और जनता दल (सेकुलर) ने 37 सीटें जीती हैं। इसके अलावा दो सीटें निर्दलीयों के पास और एक सीट बसपा के पास है।