नई दिल्ली/ जयपुर: बीजेपी ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की बढ़ती मांग के बीच दावा किया कि IPL के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को राजे द्वारा मदद करने के मामले के ब्यौरे अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं और उस दस्तावेज की प्रामणिकता भी अभी सिद्ध नहीं हुई है, जिसमें उनके कथित हस्ताक्षर होने की बात कही जा रही है।
संकट में घिरी अपनी नेता का पार्टी द्वारा बचाव किए जाने का संकेत देते हुए इसके प्रवक्ताओं ने आक्रामक मुद्रा अपना ली और दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए। उधर राजे ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी और उनके कार्यालय ने मीडिया में आई खबरों को असत्य करार देते हुए कहा कि यह उन्हें राजनीतिक रूप से क्षति पहुंचाने के मकसद से हैं।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2013 में बीजेपी को भारी जीत दिलाने वाली और साल 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 25 सीटों को पार्टी की झोली में डालने में प्रमुख भूमिका निभाने वाली राजे ने कहा कि कुछ चैनलों द्वारा प्रसारित की जा रही खबरें सत्य से काफी परे हैं।
वहीं राजे के मीडिया सलाहकार ने एक बयान में कहा, 'कुछ चैनल खबरें चला रहे हैं जो सत्य से काफी परे हैं... कृपया ऐसी खबरें मत चलाइये जो असत्य और आधारहीन हो और जिनका मकसद मुख्यमंत्री को राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाना और उनकी छवि खराब करना है।'
वहीं पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने उनका बचाव करते हुए कहा, 'राजे के मामले में क्या गलत हुआ है। ये महज कुछ दस्तावेज हैं। उनकी प्रामाणिकता अभी सिद्ध नहीं हुई है। क्या उन्होंने किसी अदालत और किसी न्यायाधीश के समक्ष गवाही दी। क्या ब्रिटिश सरकार ने कुछ कहा है।' उन्होंने राजे एवं पूर्व आईपीएल प्रमुख के पारिवारिक संबंधों का जिक्र करते हुए यह संकेत भी दिया कि शायद उन्होंने ललित मोदी की मदद की हो। 'अगर हम यह मान भी लें कि दस्तावेज सही थे तो हम यह जानते हैं कि उनके पारिवारिक रिश्ते थे।'
वहीं बीजेपी के सचिव श्रीकांत शर्मा ने आधारहीन आरोप लगाने के लिए कांग्रेस पर बरसते हुए कहा कि विपक्षी दल हताशा में यह कर रहा है।
आपको बता दें कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के रूप में राजे के इस्तीफे को लेकर अपनी मांग तेज कर दी है।