लखनऊ: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में जो रूझान सामने आ रहे हैं उसके अनुसार योगीराज का जबरदस्त प्रभाव देखने को मिल रहा है। 652 में से 494 सीटों के रूझान आने शुरू हो गए हैं। इन 494 सीटों में 201 पर बीजेपी, 76 पर बहुजन समाज पार्टी, 41 पर समाजवादी पार्टी, 14 पर कांग्रेस और 162 पर अन्य आगे हैं। इस तरह देखा जाए तो इन चुनावों जहां बसपा ने वापसी की है वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। शहरों में अधिकांश स्थान पर भाजपा चल रही है और ये रूझान बताते हैं कि जनता ने योगीराज को पसंद किया है। विधानसभा चुनाव में जो मोदी और योगी लहर हमें देखने को मिली थी कुछ उसी अंदाज में यूपी निकाय चुनावों में जबरदस्त जीत मिलती नजर आ रही है।
रूझानों में मेयर पद के लिए राज्य की 16 सीटों में से 10 पर बीजेपी प्रत्याशी आगे चल रहे हैं। ये आंकड़े बताते है कि यूपी की जनता ने योगीराज पर मुहर लगा दी है। जब आदित्यनाथ योगी को उत्तर प्रदेश का सीएम बनाया गया था तो राजनीतिक हलकों में सवाल उठ जा रहे थे कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के सुशासन के वादे पर सीएम योगी खरे उतर पाएंगे? और निकाय चुनाव में जो रूझान सामने आ रहे हैं अगर परिणाम भी वैसा ही रहता है तो यह कहा जा सकता है कि योगीराज के 8 माह के कार्यकाल में यूपी में भाजपा की लहर में कोई कमी नहीं आई है।
पहली ‘अग्नि परीक्षा’ में योगी सफल, सड़क, बिजली और पानी पर जनता ने दिखाई हरी झंडी
निकाय चुनाव के वर्तमान रूझान यह बताते हैं कि यूपी में जनता ने योगीराज को सड़क,बिजली और पानी के मुद़दे पर जबरदस्त समर्थन दिया है। गौरतलब है कि योगी सरकार ने पिछले 8 माह के कार्यकाल में सड़क,बिजली और लोगों तक साफ पानी पहुंचाने के लिए कार्य करने का प्रयास किया है और उसका असर होता हुआ भी नजर आ रहा है,निकाय चुनाव रूझानों में भी इसी झलक को देखा जा रहा है।
सपा को झटका, बसपा की वापसी
निकाय चुनाव के रूझानों में अभी तक 404 चुनावी रुझानों में से भाजपा 201 सीटों पर, बसपा 76 और 41 सीटों पर सपा आगे चल रही है। यह बताता है कि सपा को नुकसान होता हुआ दिख रहा है और बसपा बेहतर प्रदर्शन करते हुए नंबर दो के स्थान पर आती नजर आ रही है। सपा के प्रवक्ता भले कहें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार में भाग नहीं लिया और हार और जीत पार्टी के सभी लोगों की सामूहिक भूमिका होती है लेकिन लगता है सपा रणनीतिक रूप से चुक कर गई है। बसपा का नंबर दो के स्थान पर आना बताता है कि सपा की लोकप्रियता में कमीं आई है। बसपा नेता मायावती ने भी चुनाव प्रचार में टिकट वितरण कर दिल्ली वापस आ गई थी और चुनाव प्रचार से दूर रही थी लेकिन बसपा ने फिर भी बेहतर प्रदर्शन किया है।