नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सवर्ण क्रांति को अब सफलता मिल गई है। राज्यसभा में गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने वाला बिल पास हो गया है। सवर्ण आरक्षण बिल के समर्थन में 165 वोट पड़े और इसके खिलाफ 7 वोट पड़े हैं। बता दें कि सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला बिल आज राज्यसभा में पेश किया गया था। हालांकि इससे पहले विपक्ष के जबर्दस्त हंगामे के चलते राज्यसभा को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। राज्यसभा में बिल पेश होने के बाद कांग्रेस की तरफ से सांसद आनंद शर्मा ने कहा था कि कांग्रेस इस बिल के पक्ष में है। इसके बाद अलग-अलग दलों के सांसदों ने बिल पर अपनी राय रखी लेकिन कई दलों की तरफ से हंगामे के बीच राज्यसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद 2 बजे चर्चा फिर शुरू हुई और फिलहाल संसद में बहस खत्म हो चुकी है। वोटिंग के बाद राज्यसभा से सवर्ण आरक्षण बिल पास हो गया है।
Upper Caste Reservation Bill Highlights:
- सवर्ण आरक्षण बिल पास होने के तुरंत बाद बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अमित शाह ने ट्वीट कर इसका समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।
- बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने सवर्ण आरक्षण बिल पास होने पर खुशी जताई। शाहनवाज ने कहा कि जो गरीब लोग आरक्षण में छूट गए थे आज उन्हें पीएम मोदी ने न्याय दिलाने का काम किया है।
- सवर्ण आरक्षण बिल के समर्थन में 165 वोट पड़े, बिल के खिलाफ 7 वोट पड़े
- सवर्ण आरक्षण बिल पास, राज्यसभा से गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने वाला बिल पास
- विपक्ष के सारे संशोधन प्रस्ताव खारिज, सवर्ण आरक्षण बिल का पास होना तय
- विपक्ष का एक और संशोधन प्रस्ताव गिरा, प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण का प्रस्ताव गिरा
-सवर्ण आरक्षण बिल सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव खारिज
-राज्यसभा में चर्चा के बाद सवर्ण आरक्षण बिल पर वोटिंग जारी
राज्यसभा में चर्चा के दौरान किस दल ने क्या कहा?
-आप नेता संजय सिंह ने कहा कि यदि आज यह बिल पास होता है तो आनेवाले दिनों में आरएसएस दलितों और पिछड़ों का आरक्षण खत्म कर देगा।
-शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने आरक्षण के लिए संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया
-बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि उनकी पार्टी इस बिल का पूरी तरह से समर्थन करती है। कहा अल्पसंख्यक समुदाय को भी शामिल किया जाना चाहिए था।
- डीएमके ने संविधान संशोधन बिल का विरोध किया
- जनता दल यूनाइटेड ने आरक्षण के लिए संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया, जेडीयू के राम चंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि वह इस बिल का समर्थन करते हैं और सरकार के इस कदम का स्वागत करते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का इस बिल के लिए धन्यवाद किया है।
-बीजू जनता दल ने भी बिल का समर्थन किया, BJD के प्रसन्ना आचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी इस बिल का पूरी तरह से समर्थन करती है, विरोध करने का सवाल ही पैदा नहीं होता, उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया कि बिल देरी से लेकर आए लेकिन लाए जरूर। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि यह बिल आज के सत्र में ही पास हो।
-तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान सदन में बिल का समर्थन किया
- तमिलनाडू की AIADMK पार्टी के नवनीत कृष्णन ने कहा है कि वे इस बिल का कठोरता के साथ विरोध करते हैं, उन्होंने कहा कि तमिलनाडू में पहले से ही 69 प्रतिशत आरक्षण लागू है।
-समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने कहा बिल का समर्थन करते हैं, उन्होंने कहा कि देश के अन्य पिछड़ा वर्ग को आबादी के हिसाब से 54 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की मांग की
-राज्यसभा में फिर से संविधान संशोधन बिल पर चर्चा शुरू हुई, भाजपा की तरफ से प्रकाश झा ने बोलना शुरू किया
-राज्यसभा 2 बजे तक के लिए स्थगित
-राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी के ज्यादातर सांसद इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, भाजपा सांसद प्रकाश झा ने कहा कि जिस तरह से लोकसभा में यह बिल पास हुआ उसी तरह राज्यसभा में भी पास होने की उम्मीद की जा रही है।
-मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रीय जनता दल ने इस बिल का विरोध किया था और बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने एक बार फिर से राज्य सभा में इस बिल का विरोध किया।
-लेफ्ट सांसद डी राजा ने कहा कि बिल को संसदीय समिति में भेजा जाना चाहिए था।
-कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी आरक्षण के लिए संविधान संशोधन बिल के पक्ष में है
बिल राज्यसभा में पास होगा या फेल इसका फैसला आज हो जाएगा लेकिन मंगलवार का दिन आजाद भारत में ऐतिहासिक दिन बन गया। लोकसभा में गरीब सवर्णों को आरक्षण देने वाला बिल पास हो गया। 124वें संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा ने बहुमत से पास कर दिया। 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण वाले बिल को 323 वोट मिले जबकि महज 3 सांसदों ने विरोध में मतदान किया।
सरकार को राज्यसभा में भी बिल के पास होने की उम्मीद है। यही नहीं बिल को राज्यों में भेजने की भी जरुरत नहीं पड़ेगी। कांग्रेस आदि कुछ दलों ने बिल को जल्दबाजी में की गई कवायद बताया हालांकि आम चुनाव सामने देख विरोध करने से बचे। कांग्रेस ने बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजे जाने की मांग की। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिल को लेकर उठाई जा रही आशंकाओं का जवाब देते हुए भरोसा जताया कि यह कोर्ट की कसौटी पर भी खरा उतरेगा।
बता दें कि प्रस्तावित आरक्षण अनुसूचित जातियों (SC), अनुसूचित जनजातियों (ST) और अन्य पिछड़ा वर्गों (OBC) को मिल रहे आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के अतिरिक्त होगा। इसका अर्थ यह है कि सामान्य वर्ग के ‘आर्थिक रूप से कमजोर’ लोगों के लिए आरक्षण लागू हो जाने पर यह आंकड़ा बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगा।
इस प्रस्ताव पर अमल के लिए संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में जरूरी संशोधन करेगी।
अब तक संविधान में एससी-एसटी के अलावा सामाजिक एवं शैक्षणिक तौर पर पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान है, लेकिन इसमें आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का कोई जिक्र नहीं है। संसद में संविधान संशोधन विधेयक पारित कराने के लिए सरकार को दोनों सदनों में कम से कम दो-तिहाई बहुमत जुटाना होगा। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है।