मोतिहारी: बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से नाराज चल रहे रालोसपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने राजग में सीटों के बंटवारे के संबंध में भाजपा प्रमुख अमित शाह से समय नहीं मिलने की ओर इशारा करते हुए गुरूवार को कहा कि अब याचना नहीं रण होगा। प्रदेश के पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में पार्टी के चिंतन शिविर के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कुशवाहा ने राजग में सीट साझा को लेकर शाह से समय नहीं मिलने की ओर इशारा करते हुए प्रदेश की नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला और कहा कि अब अशिक्षा के विरोध में, शिक्षा की दशा सुधारने के लिए, कुशासन के खिलाफ और सुशासन के पक्ष में रण होगा।
यह पूछे जाने पर कि केंद्र सरकार में क्या वह मंत्री बने रहेंगे, कुशवाहा ने कहा कि यह केवल एक व्यक्ति के हाथ में है जो देश के प्रधानमंत्री हैं । वह चाहें तो बर्खास्त कर सकते हैं पर मीडिया वालों को यह पूछने का अधिकार नहीं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह केवल जदयू से नाराज हैं, तो उन्होने कहा, ‘‘हम किसी से नाराज नहीं हैं । जनता की समस्याओं का हल नहीं निकल रहा है। इसलिए उनकी पार्टी इन मुद्दों को लेकर आंदोलन छेडेगी।’’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से उनकी मुलाकात करने के अटकलों के बारे में पूछे जाने पर, कुशवाहा ने कहा, ‘‘हम कब किसके साथ मुलाकात करेंगे, इसके लिए न तो किसी से बताने की और न ही किसी से अनुमति लेने की आश्यकता है।’’ इससे पूर्व अपनी पार्टी के चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही 15 साल के लालू-राबड़ी शासनकाल को कोस कर बिहार में सत्ता की गद्दी पर बैठे हों पर हकीकत यह है कि उस समय प्रदेश में जो कानून व्यवस्था की स्थिति थी आज उससे भी बदतर है।
कुशवाहा ने बिहार प्रदेश भाजपा के नेताओं के बारे में दावा किया कि बिहार में जो भाजपा के लोग हैं असली जुमलाबाज हैं और इन लोगों ने मिलकर नीतीश के नेतृत्व में एक संगठन बना लिया है। रालोसपा के इस चिंतन शिविर में इस दल के दोनों विधायकों ललन पासवान और सुधांशु शेखर तथा सांसद राम कुमार शर्मा अनुपस्थित रहे। ये नेता पार्टी के राजग से निकलने का लगातार विरोध करते आ रहे हैं ।