लखनऊ: अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई के विरोध में आज से यूपी के मीट कारोबारी बेमियादी हड़ताल पर जा रहे हैं। बूचड़खानों पर कार्रवाई का विरोध करते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोश्त विक्रेताओं के साथ-साथ अब मछली कारोबारियों ने भी हड़चाल में शामिल होने का ऐलान किया है। नए फरमान की वजह से यहां पिछले 100 साल के इतिहास में लखनऊ का टुंडे कबाबी पहली बार बंद हुआ, जबकि मांसाहार का होटल चलाने वाले कुछ लोगों ने अवैध बूचड़खाने बंद किए जाने का स्वागत किया है। लोगों का कहना है कि प्रदेश में अगर मांस की किल्लत हुई तो वह दिल्ली से मटन मंगवाएंगे। उनका आरोप है कि अवैध बूचड़खानों में कुत्तों तक को भी काटा जाता था। मीट की दुकानें रविवार को बंद रहीं, जिसके कारण होटलों में मीट की सप्लाई ना के बराबर रही।
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इसी के चलते यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, यूपी में केवल अवैध बूचड़खानों पर ही कीर्यवाही की जाएगी, वैध बूचड़खानों को डरने की जरूरत नहीं है। सिद्धार्थनाथ ने कहा कि यह कार्रवाई केवल उन लोगों के खिलाफ की जाएगी जो गलत काम कर रहे हैं। मांस कारोबारियों का आरोप है कि भारी-भरकम रिश्वत मांगे जाने की वजह से लाइसेंस हासिल करने और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना बेहद मुश्किल हो गया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के सभी जिलों में स्थित पशु वधशालाओं का निरीक्षण किया जाए तथा अवैध रूप से संचालित पशुवधशालाओं को तत्काल प्रभाव से बन्द कराने के साथ-साथ दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत प्रावधानों के अनुसार दण्डात्मक कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाए।
गौरतलब है कि सत्ता में आते ही आदित्यनाथ योगी सरकार ने अवैध बूचड़खानों को बंद करने के आदेश दिए। गो तस्करी और गोवध पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने प्रदेश की जनता से यह वायदा किया था। बीजेपी नेता मजहर अब्बास ने मीट विक्रेताओं से अपील की थी कि जो सही हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि केवल अवैध दुकानें और बूचड़खाने सरकार की कार्रवाई के दायरे में आ रहे हैं।