नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा धरना देने और कोलकाता पुलिस कमिशनर के बचाव में उतरने पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि दीदी की दादागिरी पर सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक अंकुश लगाया है।
उन्होंने कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र कोर्ट के फैसले का स्वागत करता है। प. बंगाल का राजनीतिक माहौल निष्पक्ष जांच के लिए कितना विषैला है कि अब पुलिस कमिश्नर को मेघालय में सीबीआई के सामने पेश होने को कहा गया है। स्मृति ईरानी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार अराजकता की प्रतीक बन गई है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी का विरोध प्रदर्शन बनावटी है और यह लुटेरों के संरक्षण के लिए है। उन्होंने कहा, 'ममता जी ने अमित शाह जी, योगी जी, शिवराज जी, शाहनवाज जी आदि की रैली रोकने का प्रयास किया है।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पुलिय आयुक्त को एक तटस्थ स्थान शिलांग में सीबीआई के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया क्योंकि पश्चिम बंगाल में निष्पक्षता की उम्मीद नहीं थी। शीर्ष अदालत का फैसला ममता सरकार के लिए आत्मचिंतन का विषय है। स्मृति ने कहा कि आज के फैसले पर भाजपा सहित चिटफंड घोटाले के 20 लाख पीड़ित गरीब उच्चतम न्यायालय के फैसले के प्रति आभारी होंगे। उन्होंने कहा कि ममता का न्यायालय के फैसले को नैतिक जीत बताना अपने आप में बड़ा विरोधाभास है।
भाजपा नेताओं की रैली में रूकावट डालने का संदर्भ देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि ममता सरकार ने प्रशासनिक ढांचे का दुरुपयोग करके सिर्फ रैली नहीं रोकी, बल्कि इससे पहले भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कई कार्यक्रमों में रूकावट पैदा की है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष स्वयं को उपलब्ध कराने और शारदा घोटाला जांच में पूरा सहयोग करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने कोलकाता पुलिस प्रमुख कुमार को पूछताछ के लिए शिलांग में सीबीआई के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। कोलकाता पुलिस प्रमुख की गिरफ्तारी समेत कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा।