![Bihar Health Minister Mangal Pandey with Union Health Minister Harsh Vardhan | ANI File](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
पटना: बिहार के कुछ जिलों में चमकी बुखार यानि AES से लगातार हो रही मौतों के मामले में केंद्र और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री परेशानियों में घिरते दिखाई दे रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन और मंगल पांडेय पर परिवाद मामले में मुजफ्फरपुर की निचली अदालत ने संज्ञान लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट (CJM) सूर्यकांत तिवारी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। CJM कोर्ट ने यह आदेश एक समाजसेवी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
वहीं, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी इन्सेफ्लाइटिस या चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में हुई 120 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में सख्ती दिखाई है। देश की सर्वोंच्च अदालत ने सोमवार को केंद्र और बिहार सरकार को 7 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी. आर. गवई की पीठ ने बिहार सरकार को चिकित्सा सुविधाओं, पोषण एवं स्वच्छता और राज्य में स्वच्छता की स्थिति की पर्याप्तता पर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश भी दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुनवाई के दौरान एक वकील ने अदालत को बताया कि उत्तर प्रदेश में भी पहले इसी तरह से कई लोगों की जान जा चुकी है। अदालत ने इसका संज्ञान लिया और राज्य सरकार को भी इस पर जवाब दाखिल करने को कहा। मामले पर अगली सुनवाई 10 दिन के बाद की जाएगी। आपको बता दें कि एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम को दिमागी बुखार और चमकी बुखार के नाम से भी जाना जाता है, और यह गर्मी के महीनों में बच्चों को अपना शिकार बनाता है। हैरानी की बात यह है कि बारिश का मौसम आते ही इस बीमारी का नामोनिशान मिट जाता है।