नई दिल्ली: केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने उत्तर प्रदेश को बाणसागर बांध से जलापूर्ति के मसले पर चर्चा के लिए गुरुवार को नई दिल्ली में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष से अपने हाल के संवाद में अपील की थी कि मध्य प्रदेश सरकार को दो महीने के लिए बाणसागर बांध से सोन नदी में 2000 क्यूसिक पानी छोड़ने का निर्देश जारी किया जाए।
बाणसागर समझौता, 1973 के तहत बाणसागर बांध से 10 लाख एकड़ फीट पानी पर उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी बनती है। अपने संवाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि बढ़ती गर्मी व बारिश की कमी की वजह से सोनभद्र व मिर्जापुर जिले में पीने व सिंचाई के लिए पानी का संकट बढ़ गया है।
मध्य प्रदेश सरकार ने इस आधार पर पानी छोड़े जाने से इंकार कर दिया है कि उत्तर प्रदेश सरकार बाणसागर के रखरखाव पर आने वाले खर्चे को साझा करने पर राजी नहीं है, इसलिए उन्होंने बाणसागर बांध में उत्तर प्रदेश के हिस्से का पानी जमा नहीं किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश के इस दावे को गलत बताया है।
बाणसागर समझौता 16 सितंबर, 1973 को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व बिहार के बीच सोन नदी के पानी व बाणसागर बांध की लागत के बंटवारे के लिए हुआ था। यह बांध मध्य प्रदेश में है। इसका जिम्मा बाणसागर नियंत्रण बोर्ड के पास है जो कि केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत काम करने वाला कार्यालय है।