नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में कांग्रेस को अड़चन बताते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से अपील की कि वे जनेऊ की लाज बचाने और दत्तात्रेय कौल ब्राह्मण के सम्मान में आगे आकर राम मंदिर के निर्माण में समर्थन दें। उमा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मामला ऐसा है जिसमें सामंजस्य का महौल पहले बनाना होगा, इसके प्रयास चल भी रहे हैं। लेकिन कांग्रेस की तैयारी माहौल बिगाड़ने की है और यह पार्टी मंदिर निर्माण में अड़चन है।’’
उन्होंने दावा किया कि अगर कांग्रेस का रूख राम मंदिर के निर्माण पर सकारात्मक होता तो जवाहर लाल नेहरू के समय में ही इसका निर्माण हो गया होता। भाजपा की वरिष्ठ नेता ने कहा कि अब उन्हें उम्मीद जगी है क्योंकि पहली बार कांग्रेस का कोई नेता (राहुल गांधी) अपने को दत्तात्रेय कौल ब्राह्मण बता रहा है, उन्हें जनेऊधारी और शिवभक्त भी बताया गया है। उमा भारती ने कहा कि अब राहुल गांधी पर जिम्मेदारी है कि वे जनेऊ की लाज बचाने और दत्तात्रेय कौल ब्राह्मण के सम्मान में आगे आएं और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए अपने समर्थन की घोषणा करें। ऐसा करने से इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होगी और कोई श्रेय लेने की बात भी नहीं कर पाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी राम मंदिर के निर्माण के संदर्भ में प्रधानमंत्री से कहें कि वे इस विषय पर अध्यादेश के समर्थन में हैं।’’ उन्होंने जोर दिया कि राहुल गांधी ने हाल ही में कैलाश मानसरोवर की यात्रा की थी और वे भक्तिभाव से गए होंगे। अब अगर उन्हें अपनी शिवभक्ति साबित करनी है तो वह राम मंदिर के लिए आगे आएं।
अयोध्या आंदोलन से जुड़ी प्रमुख नेताओं में शामिल उमा भारती ने कहा कि अगर राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर राहुल गांधी, अखिलेश यादव, मायावती, ममता बनर्जी सहित कम्युनिस्ट पार्टी साथ आ जाएं, तो देशहित में इससे बड़ा कोई कदम नहीं हो सकता है। अयोध्या मामले में सभी एक हो गए तो देश का बड़ा फायदा होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा राम मंदिर के निर्माण की हमेशा से पक्षधर रही है और पार्टी ने इसके लिए काफी त्याग भी किया है। अब कांग्रेस एवं अन्य दलों को जिम्मेदारी निभानी है। राम मंदिर भाजपा के लिए चुनाव का मुद्दा नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अयोध्या मामले में देश में माहौल खराब करने के प्रयास में है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण सभी पक्षों से बातचीत से सामंजस्य बनाकर, कानून बनाकर अथवा अदालत के निर्णय के माध्यम से आ सकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह अयोध्या आंदोलन का हिस्सा रहीं।