मुंबई: महाराष्ट्र में आज से ठाकरे राज का आगाज हो गया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो-दो नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। मुंबई के शिवाजी पार्क में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर तीनों दलों के वरिष्ठ नेता और हजारों कार्यकर्ता मौजूद थे। शपथ ग्रहण समारोह में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के सुप्रीमो राज ठाकरे भी पहुंचे। पहली बार ठाकरे परिवार का कोई सदस्य महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बना है। उद्धव राज्य में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन ‘महाराष्ट्र विकास अघाड़ी’ की सरकार का नेतृत्व करने जा रहे हैं। शिवसेना से एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई ने भी शपथ ली। शिंदे और देसाई दोनों शिवसेना के वरिष्ठ नेता हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कोटे से पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं जयंत पाटिल और छगन भुजबल ने भी शपथ ग्रहण किया। पाटिल मराठा समुदाय तो भुजबल ओबीसी वर्ग से आते हैं। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट और कार्यकारी अध्यक्ष नितिन राउत को मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी है। महाराष्ट्र कांग्रेस कोटे से शपथ लेने वाले थोराट मराठा समुदाय और तो राउत दलित समुदाय के चेहरा हैं। माना जा रहा है कि अब बहुमत साबित करने के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।
इन विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ:
शिवसेना- विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई
राकांपा- विधायक दल के नेता जयंत पाटिल, छगन भुजबल
कांग्रेस- विधायक दल के नेता और 8 बार के विधायक बालासाहेब थोराट, नितिन राउत
उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के 18वें मुख्यमंत्री बने और शिवसेना से मुख्यमंत्री बनने वाले वह तीसरे व्यक्ति हैं। शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार का गठन विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के 36 दिन बाद हुआ है।
बता दें कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही ऐसे आठवें मुख्यमंत्री बन गए हैं जो विधायक नहीं रहते हुए भी राज्य के मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस नेता ए आर अंतुले, वसंतदादा पाटिल, शिवाजीराव निलांगेकर पाटिल, शंकरराव चव्हाण, सुशील कुमार शिंदे और पृथ्वीराज चव्हाण उन नेताओं में शामिल हैं जो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते वक्त राज्य विधानमंडल के किसी सदन के सदस्य नहीं थे। तत्कालीन कांग्रेस नेता एवं मौजूदा राकांपा प्रमुख शरद पवार का नाम भी इन्हीं नेताओं में शुमार है।
ठाकरे (59) यहां बृहस्पतिवार शाम को शिवाजी पार्क में मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के साथ ऐसे आठवें नेता बन गए है। संविधान के प्रावधानों के अनुसार कोई नेता यदि विधानसभा या विधान परिषद् का सदस्य नहीं है तो उसे पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना होता है। जून 1980 में मुख्यमंत्री बनने वाले अंतुले राज्य में ऐसे पहले नेता थे। वसंतदादा पाटिल एक सांसद के तौर पर इस्तीफा देने के बाद फरवरी 1983 में मुख्यमंत्री बने थे। निलांगेकर पाटिल जून 1985 में मुख्यमंत्री बने थे जबकि शंकरराव चव्हाण जो उस वक्त केंद्रीय मंत्री थे, मार्च 1986 में राज्य के शीर्ष पद पर आसीन हुए थे।
नरसिंह राव सरकार में पवार तब रक्षा मंत्री थे लेकिन मुंबई में दंगे के बाद सुधाकरराव नाइक के इस पद से हटने के बाद मार्च 1993 में पवार का नाम मुख्यमंत्री के रूप में सामने आया था। इसी तरह, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में पृथ्वीराज चव्हाण मंत्री थे लेकिन वह भी अशोक चव्हाण की जगह नवंबर 2010 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे। अंतुले, निलांगेकर पाटिल और शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद विधानसभा उपचुनाव लड़ा था और विजयी हुए थे। अन्य चार नेताओं ने विधान परिषद् का सदस्य बनकर संवैधानिक प्रावधान को पूरा किया था।