मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे की एक बार फिर से वापसी होती हुई दिख रही है। सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने विधानसभा में कहा है कि उनकी सरकार मुस्लिमों को शिक्षा के क्षेत्र में आरक्षण देने जा रही है। मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार स्कूलों, कॉलेजों और एवं अन्य जगहों पर पढ़ाई में मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए कानून बनाएगी। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में में मुसलमानों को कुल 5 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
5 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण आएगा वापस
बता दें कि इसके पहले फरवरी की शुरुआत में भी महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि वह सूबे में मुसलमानों के 5 प्रतिशत आरक्षण को वापस लाने का विचार कर रही है। तब मलिक ने कहा था कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली राज्य सरकार प्रदेश में 5 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण लाने के लिए कानूनी सलाह लेगी। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों के लिए आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करना शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा है।
कांग्रेस लाई थी आरक्षण के लिए ऑर्डिनेंस
2014 से पहले जब सूबे में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, तब मराठों के लिए 16 और मुसलमानों के लिए 5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान ऑर्डिनेंस लाकर किया गया था। चुनावों के बाद जब सरकार बदली तब बीजेपी-शिवसेना सरकार ने मराठा आरक्षण बरकरार रखा, लेकिन मुसलमानों के लिए आरक्षण पर कोई कदम नहीं उठाया और अध्यादेश लैप्स हो गया। वहीं, नवाब मलिक की घोषणा के बाद शिवसेना नेता और वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि किसी समुदाय को आरक्षण देने के योजनागत फैसले पर अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।