नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक ट्वीट में सच्चे कांग्रेसियों को एक दूसरे की ताकत बताया है। पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस में काफी-उथल पुथल रही है और नेतृत्व को लेकर जी-23 के नेताओं ने कई बयान दिए हैं। ऐसे में राहुल गांधी के इस ट्वीट के मायने समझने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में मंगलवार को निर्णय लिया गया कि देश में व्यापक सदस्यता अभियान चलाया जाएगा।
‘सच्चे कांग्रेसी एक दूसरे की कमज़ोरी नहीं, ताक़त हैं’
कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को एक ट्वीट किया, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा हो रही है। उन्होंने लिखा, ‘सच्चे कांग्रेसी एक दूसरे की कमज़ोरी नहीं, ताक़त हैं।’ ट्वीट के साथ ही उन्होंने ‘#StayUnited’ का हैशटैग भी दिया। वहीं, मंगलवार की बैठक में निर्णय लिया गया कि कांग्रेस आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर से तैयार किए गए नफरत के माहौल’ के खिलाफ प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए ‘वैचारिक युद्ध’ छेड़ेगी और भाईचारे को बढ़ाने की कोशिश करेगी।
सोनिया ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा
पार्टी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों की बैठक में सोनिया गांधी ने पार्टी के भीतर अनुशासन एवं एकजुटता बनाए रखने पर जोर दिया और कहा कि पार्टी में राज्य स्तर के नेताओं के बीच नीतिगत मुद्दों पर स्पष्टता एवं समन्वय का अभाव दिखता है। उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि अगर लड़ाई जीतनी है तो जनता के समक्ष बीजेपी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘दुष्प्रचार’ एवं ‘झूठ’ को बेनकाब करना होगा।
बैठक में 3 निर्णय लिए गए: रणदीप सुरजेवाला
बैठक के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘बैठक में 3 निर्णय लिए गए हैं। पहला यह है कि विशाल सदस्यता अभियान चलाया जाएगा कांग्रेस के लोग हर गांव, वार्ड और मोहल्ले में सदस्यता फार्म लेकर जाएंगे और ज्यादा से ज्यादा लोगों को कांग्रेस से जोड़ेंगे। इस बैठक में दूसरा फैसला यह किया गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से देश में, बीजेपी एवं RSS द्वारा पैदा किए गए नफरत के माहौल के खिलाफ वैचारिक युद्ध शुरू किया जाएगा। बैठक में राहुल गांधी ने कहा और यह निर्णय भी लिया गया है कि जमीनी स्तर पर जन आंदोलन किया जाएगा।’