देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कल रात राज्य की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा दे दिया है। तीरथ सिंह रावत ने संवैधानिक मजबूरियों का हवाला देते हुए इस्तीफा देने की बात कही है। अब राज्य के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो संवैधानिक संकट पैदा हो गया होता। कुछ राज्यों में, कोविड के कारण उपचुनाव में देरी हुई है। परिस्थितियों ने इस स्थिति को जन्म दिया है। आज विधायक दल की बैठक में नेता का चुनाव होगा। आपको बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद ही तीरथ सिंह रावत ने राज्य के सीएम पद की शपथ ली थी।
भाजपा नेतृत्व के कारण तीरथ रावत मजाक के पात्र बन गए : हरीश रावत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद शुक्रवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की वजह से तीरथ मजाक के पात्र बन गए। उन्होंने ट्वीट किया, "2017 में सत्तारूढ़ हुई उत्तराखंड भाजपा ने अपने दो नेताओं की स्थिति हास्यास्पद बना दी है, दोनों भले आदमी हैं। त्रिवेंद्र रावत जी को बजट सत्र के बीच में बदलने का निर्णय ले लिया, जबकि वित्त विभाग भी उन्हीं के पास था, बजट पर चर्चा और बहस का जवाब उन्हीं को देना था, बजट उन्हीं को पारित करवाना था।"हरीश रावत ने कहा , "सब हबड़-तबड़ में बजट भी पारित हुआ और त्रिवेंद्र सिंह जी की विदाई भी हो गई और उतने भले ही आदमी तीरथ रावत जी मुख्यमंत्री बने। तीरथ सिंह जी की स्थिति कुछ उनके बयानों ने, और जितनी रही-सही कसर थी, वो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनके चुनाव लड़ने के प्रश्न पर निर्णय न लेने कारण हास्यास्पद बन गई, वो मजाक के पात्र बनकर के रह गए।" उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया, "लोग कह रहे हैं कि हमारे मुख्यमंत्री को जब इसी बात ज्ञान नहीं था कि उनको कब चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचना है तो, ये व्यक्ति हमारा क्या कल्याण करेगा!"