नयी दिल्ली: लोकसभा में आज मस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, 2017 पेश किया गया जिसमें मुस्लिम पतियों द्वारा एक बार में तीन तलाक :तलाक ए बिद्दत: की उद्घोषणा को समाप्त करने एवं अवैध घोषित करने एवं इस अवैध कार्य को एक दंडनीय अपराध घोषित करने का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह कानून ऐतिहासिक है और उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘तलाक ए बिदत’ को गैरकानून घोषित किये जाने के बाद मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए इस सदन द्वारा इस संबंध में विधेयक पारित करना जरूरी हो गया है. उन्होंने इस संबंध में कुछ सदस्यों की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि यह कानून किसी मजहब से जुड़ा नहीं बल्कि नारी सम्मान से जुड़ा हुआ है.
इससे पहले विधेयक पेश किये जाने का एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने विरोध किया तथा आईयूएमएल के सदस्य और अन्नाद्रमुक के ए अनवर राजा ने भी विधेयक को गैरजरूरी बताते हुए कहा कि यह विवाहित मुस्लिम महिलाओं के साथ न्याय करने के बजाय उनके साथ अन्याय को बढ़ाएगा.
इस विधेयक के तहत एक बार में बोलकर, फ़ोन पर, SMS या फिर व्हाट्सऐप के ज़रिये दिया गया तलाक़ अपराध माना जाएगा. विदेयक में इस अपराध पर तीन साल की सज़ा का प्रावधान किया गया है. ये विधेयक गृहमंत्री राजनाथ सिहं की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालय ग्रुप ने तैयार किया है. ग़ौरतलब है कि इस विधेयक को इसी महीने मंत्रिमंडल ने मंज़ूरी दी है.
किसने क्या कहा
तीन तलाक बिल पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी के अमेंडमेंट पर वोटिंग की मांग की
lतीन तलाक पर सजा और गुजारा भत्ता मजिस्ट्रेट तय करेगा: रविशंकर प्रसाद
हम मुसलमानों को खौफ में रखना नहीं चाहते: रविशंकर प्रसाद
यह बिल उनके लिए है जो अपनी पत्नी को डराते हैं: रविशंकर प्रसाद
जिन मुस्लिम महिलाओं के साथ अपराध हो रहा है हम उनके साथ खड़े हैं और अगर यह अपराध है तो हम यह अपराध 10 बार करेंगे: रविशंकर प्रसाद
ट्रिपल तलाक का सवाल सियासत का नहीं है, हम इंसानियथ के चश्मे से इसे देख रहे हैं: रविशंकर प्रसाद
इस्लाम खतरे में नहीं, कट्टर मर्दों की जबरदस्ती खतरे में है: एमजे अकबर
शऱिया का मतलब कानून नहीं, रास्ता है: एमजे अकबर
महिलाओं से अन्याय पर कुरान में बड़ी सजा: एमजे अकबर
ट्रिपल तलाक के नाम पर खौफ के साये महिलाएं जीने को मजबूर: एमजे अकबर
ट्रिपल तलाक औरतों के हक और उनके न्याय की लड़ाई है। इस लड़ाई में सरकार उनके साथ है: मीनाक्षी लेखी
ट्रिपल तलाक से महिलाओं पर तीन तरह के अत्याचार होते हैं-आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक: मीनाक्षी लेखी
जिस तरह से तलाक दिया जा रहा था उसे रोकने की जरूरत है: मीनाक्षी लेखी, बीजेपी सांसद
ट्रिपल तलाक 22 अगस्त को गैर कानूनी घोषित कर दिया गया था उसके बाद भी बड़े पैमाने पर ट्रिपल तलाक हुआ। तलाक ए बिद्दत को रोकना ही इस कानून का मकसद है: मीनाक्षी लेखी
इस्लाम में तलाक ए बिद्दत पहले से गैरकानूनी है. वहीं देश में घरेलू हिंसी के खिलाफ कानून पहले से ही मौजूद है. ऐसी स्थिति में किसी नए कानून की देश में जरूरत नहीं है-ओवैसी
केन्द्र सरकार द्वारा ट्रिपल तलाक पर लाया गया बिल संविधान द्वारा दिए गए मूल अधिकारों का हनन है-ओवैसी
सरकार का बिल कानूनी तौर पर लचर है. बिल में कई प्रावधान ऐसे हैं तो मौजूदा कुछ कानून के साथ तर्कसंगत नहीं हैं-ओवैसी
संसद को इस मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार महज इसलिए नहीं मिल जाता कही मूल अधिकारों का हनन हो रहा है-ओवैसी
ट्रिपल तलाक पर कोई नया कानून का प्रस्ताव संसद में पेश करने से पहले केन्द्र सरकार को जनता के बीच मुद्दे पर बहस कराने की जरूरत है-
सायरा बानों मामले में संबंधित पार्टी ने तलाक-ए-बिद्दत के अपराधीकरण किए जाने का विरोध किया है-ओवैसी
देश में घरेलू हिंसा एक्ट 2005 महिलाओं को पहले से वह संरक्षण दे रहा है जो सरकार के इस नए प्रस्तावित कानून के जरिए दिया जाना है. मौजूदा एक्ट के तहत महिलाओं को मेंटेनेन्स, कस्टडी और कंम्पनशेषन का अधिकार पहले से मौजूद है लिहाजा किसी नए कानून की जरूरत नहीं है-ओवैसी
प्रस्तावित कानून में मुस्लिम पुरुष को जेल में डालने का प्रावधान किया गया है वहीं जेल में रहने के दौरान उसके शादी को जायज भी रखा गया है-ओवैसी
सदन को तय करना है कि तलाक की पीढ़ित महिलाओं का अधिकार है अथवा नही- रविशंकर प्रसाद
ट्रिपल तलाक़ किसी धर्म से नहीं महिलाओं के अधिकार से जुड़ा है- रविशंकर प्रसाद
सु्प्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को पाप बताया था- ऱविशंकर प्रसाद
नारी के गरिमा और अधिकार का बिल है- ऱविशंकर प्रसाद
तीन तलाक बिल संविधान के अंतर्गत है-- ऱविशंकर प्रसाद
तलाक पीढ़ित महिलाओं को मूल अधिकार नही है- ऱविशंकर प्रसाद
बिल की धर्म के ख़िलाफ़ नही है- ऱविशंकर प्रसाद
ये नारी के अधिकार का मामला है- ऱविशंकर प्रसाद
ट्रिपल तलाक बिल संविधान के खिलाफ है. साथ ही बिल महिलाओं के अधिकारों का हनन करता है:-ओवैसी