नई दिल्ली: राज्यसभा में आज बुधवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भारी हंगामे के बीच ट्रिपल तलाक बिल पेश किया जिसके बाद चर्चा शुरू हुई। बिल पेश होने के बाद जबरदस्त हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। कांग्रेस, बीजेडी, टीएमसी और सपा के सासंदों ने हंगामा किया। बता दें कि कांग्रेस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने पर अड़ गई थी।
'ऐतिहासिक बिल पर चर्चा को देखने के लिए राज्यसभा पहुंची थी मुस्लिम महिलाएं'- गौरतलब है कि लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल पहले ही पास हो चुका है। मोदी सरकार के लिए राज्यसभा में इस बिल को पास कराना संख्या बल के हिसाब से थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है हालांकि जिस तरह से लोकसभा में कांग्रेस ने ट्रिपल तलाक बिल को अपना समर्थन दिया था और उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस राज्यसभा में भी इस बिल पर अपना समर्थन दे देंगी लेकिन कांग्रेस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने पर अड़ी रही। राज्यसभा में आज पेश हुए इस बिल की बहस देखने के लिए आज बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची थी।
'कांग्रेस ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया, राज्यसभा में भी समर्थन करें'- कानून मंत्री द्वारा राज्यसभा में बिल को पेश कर देने के बाद विपक्ष के कई सदस्यों ने कुछ बातों को लेकर कड़ा विरोध करते हुए भारी हंगामा भी शुरू कर दिया था। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में बिल को पेश करते हुए कहा था कि लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल पहलेु ही पास हो चुका और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गुनाह माना है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में बिल पास हो जाने के बावजूद भी ट्रिपल तलाक जारी है। कानून मंत्री ने प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का जिक्र करते हुए कहा था कि कांग्रेस ने लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल का समर्थन किया और उसे राज्यसभा में भी बिल का समर्थन करना चाहिए।
कांग्रेस ने संसदीय परंपरा को तोड़ा: जेटली- अरुण जेटली ट्रिपल तलाक पर बहस में भाग लेते हुए वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल को अपना समर्थन दिया है लेकिन अब राज्यसभा में इस बिल का समर्थन ना कर सलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग कर रही है, यह बिल भी लोकसभा से भी आया है। जिस बिल का कांग्रेस ने लोकसभा में समर्थन किया उसी को राज्यसभा में विरोध क्यों कर रही है? बिल में कोई संशोधन चाहिए था तो 1 दिन पहले नोटिस देना चाहिए था। कांग्रेस ने संसदीय परपरा को तोड़ने का काम किया है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को गैर कानूनी मानते हुए इस पर 6 माह के अंदर कानून बनाने के लिए कहा था,लेकिन कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट की बात भी नहीं सुन रहे हैं।
UPDATES
- भारी हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्रवाई कल सुबह 11 बजे तक स्थगित
- कांग्रेस महिलाओं का सम्मान करती है, हम बिल का समर्थन कर रहे हैं- आनंद शर्मा
- कांग्रेस राज्यसभा में बिल पास कराने को तैयार नहीं
- SC ने तीन तलाक को गैर कानूनी बताया था- जेटली
- SC ने 6 महीने के भीतर कानून बनाने को कहा था- जेटली
- राज्यसभा में कांग्रेस बिल का विरोध क्यों कर रही है?- जेटली
- कांग्रेस ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया था- जेटली
- तीन तलाक बिल को लेकर राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा
- कांग्रेस ने संसदीय परंपराओं को तोड़ा
- पहली बार संसदीय परंपराओं को तोड़ा गया
3 तलाक़ बिल में क्या है ?
एक साथ तीन बार तलाक़ कहना गैर-कानूनी होगा। बोलकर या लिखकर 3 तलाक़ कहना गैर-कानूनी होगा। ईमेल, SMS या व्हाट्सएप पर तलाक़ गैर-कानूनी, ट्रिपल तलाक़ देने पर 3 साल तक सजा हो सकती है। ट्रिपल तलाक़ को गैर-जमानती अपराध माना जाएगा, 'तलाक ए बिद्दत' यानी एक साथ 3 तलाक पर लागू। तलाक पीड़ित को गुजारा भत्ता मांगने का हक होगा, पीड़ित नाबालिग बच्चों का संरक्षण भी मांग सकती है। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में कानून लागू होगा।