Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राजनीति
  4. मुस्लिम महिलाओं के लिए ऐतिहासिक दिन, राज्यसभा में पास हुआ तीन तलाक बिल

मुस्लिम महिलाओं के लिए ऐतिहासिक दिन, राज्यसभा में पास हुआ तीन तलाक बिल

मुस्लिम महिलाओं के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। आज राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : July 30, 2019 19:05 IST
राज्यसभा में आज पेश होगा ट्रिपल तलाक बिल, बिल के विरोध में जेडीयू
राज्यसभा में आज पेश होगा ट्रिपल तलाक बिल, बिल के विरोध में जेडीयू

नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा में पेश हुआ तीन तलाक बिल पास हो गया है। बिल को लेकर राज्यसभा में वोटिंग हुई, जिसमें 99 सांसदों ने तीन तलाक बिल के पक्ष में वोट किया जबकि 84 सांसदों ने बिल के विरोध में वोट किया। ऐसे में बिल के पक्ष में वोट करने वालों की संख्या के आधार पर तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास हो गया। हालांकि, राज्यसभा में बहुमत नहीं होने की वजह से BJP सरकार के लिए इसे पास कराना मुश्किल था लेकिन कई महत्वपूर्ण दलों के सदन से वॉक आउट करने से ये मुश्किल कार्य कर पाने में सरकार सफल हुई।

बीजेपी ने इसके लिए पूरजोर तैयारी की थी, जिसके तहत पार्टी ने सभी सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया था। आंकड़ों पर गौर करें तो राज्यसभा में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के पास करीब 99 सीट है और 99 वोट ही तीन तलाक बिल के पक्ष में डाले गए। वहीं, अगर बात करें विपक्षी दलों की कांग्रेस समेत बिल का विरोध करने वाले दलों के सदस्यों की संख्या 108 थी। लेकिन, इनमें से कई दलों ने सदन से वॉक आउट कर दिया जिसके वजह से बिल पास हो पाया।

विधेयक पारित होने से पहले ही जदयू एवं अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने इससे विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन किया। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक प्रसिद्ध न्यायाधीश आमिर अली ने 1908 में एक किताब लिखी है। इसके अनुसार तलाक ए बिद्दत का पैगंबर मोहम्मद ने भी विरोध किया है। प्रसाद ने कहा कि एक मुस्लिम आईटी पेशेवर ने उनसे कहा कि तीन बेटियों के जन्म के बाद उसके पति ने उसे एसएमएस से तीन तलाक कह दिया है।

‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक’ को आज कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद राज्यसभा में पेश किया था। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में तीन तलाक पर बहस की चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष पर आरोप लगाया था कि वह तीन तलाक को जारी रखना चाहता है। उन्होंने शाहबानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार द्वारा लाये गये विधेयक का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ मैं नरेन्द्र मोदी सरकार का कानून मंत्री हूं, राजीव गांधी सरकार का कानून मंत्री नहीं हूं।’’

उन्होंने कहा कि यदि मंशा साफ हो तो लोग बदलाव की पहल का समर्थन करने को तैयार रहते हैं। प्रसाद ने कहा कि जब इस्लामिक देश अपने यहां अपनी महिलाओं की भलाई के लिए बदलाव की कोशिश कर रहे हैं तो हम तो एक लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष देश हैं, हमें यह काम क्यों नहीं करना चाहिए? उन्होंने कहा कि तीन तलाक से प्रभावित होने वाली करीब 75 प्रतिशत महिलाएं गरीब वर्ग की होती हैं। ऐसे में यह विधेयक उनको ध्यान में रखकर बनाया गया है।

प्रसाद ने कहा कि हम ‘‘सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास’’ में भरोसा करते हैं और इसमें हम वोटों के नफा नुकसान पर ध्यान नहीं देंगे और सबके विकास के लिए आगे बढ़ेंगे और उन्हें (मुस्लिम समाज को) पीछे नहीं छोड़ेंगे। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि कोई मुस्लिम पति अपनी पत्नी को मौखिक, लिखित या इलेक्ट्रानिक रूप से या किसी अन्य विधि से तीन तलाक देता है तो उसकी ऐसी कोई भी ‘उदघोषणा शून्य और अवैध होगी।’ इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक से पीड़ित महिला अपने पति से स्वयं और अपनी आश्रित संतानों के लिए निर्वाह भत्ता प्राप्त पाने की हकदार होगी। इस रकम को मजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement