नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के वक्त पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो कहा था वो अब सच साबित होने वाली है और बंगाल में ममता का कुनबा बिखरने लगा है। ममता बनर्जी को लोकसभा चुनाव में मिले झटके बाद आज एक और बड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि मंगलवार को बंगाल के 3 विधायक और तृणमूल कांग्रेस के 50-60 पार्षद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो हैं और यह सिलसिला आगे भी बढ़ता जाएगा। इन सभी नेताओं को भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में बुलाया गया है।
भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों में सुभ्रांशु रॉय भी हैं जो बंगाल में भाजपा के नेता मुकुल रॉय के बेटे हैं। मुकुल रॉय जो कभी ममता के दाहिने हाथ हुआ करते थे लेकिन शारदा घोटाले में नाम आने और जांच के लिए केंद्रीय एजेंसियों के प्रेशर के आगे ऐसे टूटे कि ममता को बंगाल से जड़ से उखाड़ने में बीजेपी के सबसे बड़े हथियार बन गए हैं। मुकुल रॉय ने 2018 में बीजेपी का झंडा थाम लिया था और अब उनके बेटे सुभ्रांशु रॉय मोदी नाम के नारे को बुलंद करने वाले हैं।
सुभ्रांशु रॉय ने बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के पक्ष में बहुत काम किया था इसलिए ममता ने उन्हें 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया और जब सस्पेंड कर दिया तो वे ममता के विरोधियों को लेकर दिल्ली आ गए। हालांकि सुभ्रांशू रॉय ने दिल्ली पहुंचने के बाद उनके और अन्य टीएमसी नेताओं के भाजपा में शामिल होने को लेकर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।
बंगाल का दंगल चुनाव में सबसे बड़ा रणक्षेत्र बन गया था। कोरबो और जीतबो से ज्यादा लड़बो लड़बो लड़बो का नारा गूंज रहा था। परिणाम आया तो ममता के दावे, मोदी की आंधी में उड़ गए और जो अब मोदी ने कहा था वो हकीकत होने वाला है।
सूपड़ा साफ कैसे होता है, मोदी की प्रचंड जीत ने ममता को बता दिया है। ममता के काउंसलर, ममता के विधायकों को भी अब ममता के तिलिस्म और उनके जादू पर ऐतबार नहीं। मोदी के 40 विधायकों वाली बात सच हो गई तो बंगाल में ममता की पहाड़ जैसी मजबूत साख, राख में बदल जाएगी।