नई दिल्ली. देश में खुद को विपक्षी पार्टियों का 'अगुवा' साबित करने के चक्कर में टीएमसी और कांग्रेस के संबंध लगातार खराब होते दिखाई दे रहे हैं। बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के सलाहकार रहे जाने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने कांग्रेस पर सवाल खड़े किए हैं। प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि लखीमपुर खीरी मामले से कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष के उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोगों को निराशा हो सकती है क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी से जुड़ी समस्याओं का कोई त्वरित समाधान नहीं हैं।
प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, "लखीमपुर खीरी की घटना के आधार पर देश की सबसे पुरानी पार्टी की अगुवाई में विपक्ष के त्वरित और स्वाभाविक रूप से उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोग निराश हो सकते हैं। दुर्भाग्यवश सबसे पुरानी पार्टी में लंबे समय से घर कर चुकी समस्याओं और ढांचागत कमजोरियों का कोई त्वरित समाधान नहीं है।"
प्रशांत किशोर के इस ट्वीट के बाद कांग्रेस की तरफ से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मैदान में उतरे। उन्होंने बिना नाम लिए प्रशांत किशोर के ट्वीट का जवाब ट्वीट से दिया। भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस के चुनाव नहीं जीत पाने वाले नेताओं को अपने पाले में मिलाकर ‘राष्ट्रीय विकल्प’ बनने की उम्मीद कर रहे लोगों को बहुत निराशा होगी क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प के मुद्दे का कोई त्वरित समाधान नहीं हो सकता।
भूपेश बघेल की तरफ से आई प्रतिक्रिया पर इसबार जवाब खुद टीएमसी के ट्विटर हैंडल से दिया गया। टीएमसी ने ट्वीट कर कहा, "पहली बार सीएम बने भूपेश बघेल जी, बात तो आपने अच्छी कही है, लेकिन अपने वजन से ज्यादा बोल गए इससे आपको कोई फायदा नहीं होने वाला। आलाकमान को खुश करने की अच्छी कोशिश की आपने। खैर..क्या कांग्रेस इस एक और ट्विटर ट्रेंड के जरिए अमेठी में अपनी ऐतिहासिक हार को भूला देना चाहती है?"
हालांकि इस बारे में जब कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो किसी ‘कंसल्टेंट’ की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक बयान पर उन्होंने कहा, "राजनीति में सबको कोशिश करने का अधिकार है, पर आखिर में जिसे जनता स्वीकारेगी, वही आगे बढ़ पाएगा और जनता की लड़ाई जमीन पर केवल और केवल उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी जी और राहुल गांधी जी लड़ रहे हैं।"