कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की राजग सरकार पर निशाना साधते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहे देश के लिए ‘‘बांटो और राज करो की नीति’’ ठीक नहीं होगी। यहां एक कार्यक्रम में तृणमूल प्रमुख ने कहा कि ‘‘हिंदू-मुस्लिम’’ मुद्दों को उठाने के बजाय यह समय देश में आर्थिक चिंताओं को दूर करने का है।
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘हर जगह अनिश्चितता का माहौल है। बेरोजगारी और गरीबी आसमान छू रही हैं। ऐसे वक्त में, मुझे नहीं लगता कि हिंदू-मुस्लिम मुद्दे को उठाने से कोई सकारात्मक नतीजा निकलेगा।’’ प्याज की बढ़ती कीमतों के बारे में उन्होंने कहा कि बढ़ती कीमतों पर केन्द्र का कोई अंकुश नहीं है। यहां एक कार्यक्रम से इतर उन्होंने कहा,‘‘पूरे देश में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। यह 150 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।बढ़ते दामों पर सरकार का कोई अंकुश नहीं है।’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केन्द्र रेलवे को बेचने की योजना बना रहा है।
उन्होंने कहा,‘‘वे (केन्द्र सरकार) रेलवे को बेचने की योजना बना रहे हैं। जब मैं रेलवे मंत्री थी तो मुझसे पूछा जाता था कि यात्री किराया क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा। मैं आम आदमी के लिए काम करती हूं। राजस्व वाणिज्यिक इस्तेमाल (मालभाड़े) से भी जुटाया जा सकता है।’’ मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति और समृद्धि के लिए काम करने की अपील की। उन्होने जोर देकर कहा, ‘‘आइए शांति, समृद्धि और एकता के लिए मिलकर काम करें। धार्मिक मामलों पर वक्त लगाने से इच्छित फल नहीं मिलेगा।’’ तृणमूल नेता ने यह भी दावा किया कि देश में उद्योगपति केंद्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई, आयकर (आईटी) विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से डर महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘हमारी उद्योग से जुड़े मुद्दों में दखल देने की कोई मंशा नहीं है,भाजपा जिस तरह से कर रही है उससे कई (उद्योगपति) भारत छोड़ कर जा चुके हैं क्योंकि वे भयभीत हैं। राहुल बजाज में बोलने की हिम्मत है। लेकिन मुझे लगता है कि उसके बाद से उन पर नजर रखी जा रही हैं।’’
गौरतलब है कि दिग्गज उद्योगपति राहुल बजाज ने हाल ही में कहा था कि इंडिया इंक केन्द्र की नीतियों की आलोचना करने में डर महसूस करती है। बायोकॉन की अध्यक्ष किरन मजूमदार शॉ ने बजाज की बात का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार अर्थ व्यवस्था की कोई आलोचना नहीं सुनना चाहती। विधेयकों की मंजूरी में देरी को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘राज्य में एक समानांतर प्रशासन चल रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कहते हुए दुख हो रहा है कि विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं होने के कारण सदन स्थगित हो गया। हम लोग लड़ रहे हैं और लड़ेंगे।’’