नई दिल्ली: ललित मोदी विवाद पर संसद के आगामी मानसून सत्र को बाधित करने की कांग्रेस की चेतावनी को खारिज करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे देश की जनता में विपक्ष की छवि 'विकास विरोधी' के रूप में प्रदर्शित होगी। कांग्रेस पार्टी ने जेटली की टिप्पणी पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके बयान से स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार का रवैया ईमानदारी और जबावदेही को सहन न करने वाला है।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की सहायता करने के मामले में कांग्रेस विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को उनके पद से हटाने की मांग कर रही है।
जेटली ने मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद कहा, "भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन और वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित विधेयक देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और मुझे उम्मीद है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी विकास विरोधी रुख नहीं अपनाएगी।"
वित्त मंत्री ने कहा, "यह विधेयक देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। सरकार को उम्मीद है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी देश के विकास के मुद्दे पर नकारात्मक रुख अख्तियार करेगी।"
वह ललित मोदी मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग पर अड़ी कांग्रेस द्वारा संसद के मानसून सत्र को बाधित करने की आशंका के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे।
जेटली ने उनके सहित विभिन्न नेताओं के ललित मोदी विवाद में नाम आने से जुड़े सवाल पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया।
उन्होंने कहा, "कुछ लोग टेलीविजन चैनेलों के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं लेकिन जहां तक भारत सरकार का सवाल है तो यह प्रासंगिक नहीं है।"
कांग्रेस प्रवक्ता पी.सी. चाको ने कहा कि जेटली के बयान से साबित होता है कि मोदी सरकार ने ईमानदारी और जवाबदेही से पूरी तरह किनारा कर लिया है।
उन्होंने कहा, "सरकार इससे आसानी से पल्ला नहीं झाड़ सकती। देश की जनता को जवाब चाहिए और कांग्रेस सरकार को इस मुद्दे पर किसी भी हालत में मिट्टी नहीं डालने देगी।"