नई दिल्ली: अयोध्या को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने दावा किया है कि विवादित भूमि पर मूल रूप से एक बौद्ध मंदिर था। उन्होंने कहा कि हिन्दू और मुस्लिमों को अयोध्या मुद्दे पर लड़ना नहीं चाहिए और इस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि विवादित भूमि पर मूल रूप से एक बौद्ध मंदिर था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आधारित पुस्तक ‘मुसलमान और योगी आदित्यनाथ’ का विमोचन करते हुए अठावले ने हिन्दू-मुस्लिम एकता की वकालत की और कहा कि भारत को मजबूत देश बनाने के लिए यह जरूरी है।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ मुसलमान विरोधी नहीं हैं और यह बात प्रधानमंत्री के नारे ‘सबका साथ सबका विकास’ में भी झलकती है। रामदास अठावले ने आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘यूपी में चमक रहा है। योगी आदित्यनाथ का तारा, हिन्दू-मुसलमान को लड़ाने वालों के बजा देंगे बारह।’
वहीं साधु संतों ने राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को डेडलाइन दे दी है। विश्व हिंदू परिषद की उच्चस्तरीय समिति की बैठक के बाद शुक्रवार को संतों ने सरकार के सामने मांग रखी है कि वह राम मंदिर के लिए शीतकालीन सत्र में संसद में कानून लेकर आए।
दिल्ली में हुई बैठक के बाद संतों ने कहा कि सरकार कानून लेकर नहीं आती है तो 31 जनवरी और पहली फरवरी को धर्मसंसद बैठेगी जो इस मुद्दे पर अपनी आगे की रणनीति तय करेगी। संतों ने बैठक के बाद इस संबंध में एक मेमोरेंडम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपा।