नई दिल्ली: राज्यसभा में इन दिनों दो तेंदुलकर हैं, जिनमें से एक सदा खबरों में रहने वाले तेंदुलकर क्रिकेट के मैदान से उच्च सदन में पहुंचे हैं जबकि दूसरे रंगमंच से जुड़े तेंदुलकर जिन्होंने 150 से ज्यादा मराठी और कोंकणी नाटकों में अभिनय किया है।
सचिन तेंदुलकर (44) राज्यसभा के मनोनीत सदस्य हैं। वहीं, खनन पृष्ठभूमि वाले विनय दीनू तेंदुलकर (56) गोवा भाजपा इकाई के प्रमुख हैं। हालांकि, सचिन अक्सर ही सुर्खियों में रहते हैं, जबकि विनय अपेक्षाकृत चर्चा में कम ही रहते हैं।
सचिन तेंदुलकर का पहला कार्यकाल 2012 में शुरू हुआ था और अप्रैल 2018 में खत्म होगा। जबकि विनय तेंदुलकर इसी साल राज्यसभा सदस्य बने हैं। वह जुलाई 2017 में गोवा की एकमात्र सीट से उच्च सदन के लिए निर्वाचित हुए। विनय ने 150 से अधिक मराठी और कोंकणी नाटकों में अभिनय किया है। विनय ने कहा, ‘‘मेरे परदादा महाराष्ट्र से थे जो गोवा आ कर बस गए।’’ीनू
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की प्रसिद्धि के उलट विनय तेंदुलकर का करियर कुछ अलग रहा है। उन्होंने पूरी तरह से राजनीति में काम करने के लिए 1994 में एक खनन कंपनी छोड़ दी। वह साल 2002-2005 के बीच मनोहर पर्रिकर सरकार में पर्यावरण मंत्री थे। साल 2000- 2004 के बीच गोवा प्रदेश बुनियादी ढांचा विकास निगम के उपाध्यक्ष थे।
कभी विवादों में नहीं रहे विनय प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के करीबी माने जाते हैं। विनय पर्यटन, परिवहन और संस्कृति पर संसदीय कमेटी में भी शामिल हैं।