नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश के कैराना एवं नूरपुर में साझा विपक्षी उम्मीदवारों की जीत को ‘विपक्ष की एकजुटता के लिए जनता का संदेश’ करार दिया और कहा कि उनकी पार्टी अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनावों को ‘हिंदू बनाम मुस्लिम’ करने के प्रयास को ‘सामाजिक गठजोड़’ के जरिए विफल करेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि गठबंधन का नेता संख्या के आधार पर चुना जाएगा। जयंत का यह बयान इशारा करता है कि क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस के दबाव में नहीं आएंगी और राहुल गांधी को यदि गठबंधन का नेता बनना है तो उनकी पार्टी को अच्छा प्रदर्शन करना ही होगा।
‘गठजोड़ में आने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं’
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व का फैसला संख्या के आधार पर और सामूहिक रूप से विचार-विमर्श के बाद होगा। चौधरी ने कहा, ‘हालिया उपचुनावों में जनता ने साफ संदेश दिया है कि सभी पार्टियां एकजुट हों। मुझे लगता है कि विपक्ष में अनुभवी लोग हैं और उनको पता चल गया है कि जनता क्या चाहती है।’ उन्होंने कहा, ‘जिसे अपना राजनीतिक दायरा बनाना है और बरकरार रखना है, उसे इस गठजोड़ में आना होगा। दूसरा कोई रास्ता नहीं है।’ गौरतलब है कि कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव में विपक्ष समर्थित RLD उम्मीदवार तबस्सुम हसन और नूरपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के नईमुल हसन ने जीत हासिल की।
‘गठबंधन के नेता का फैसला संख्या के आधार पर’
अगले लोकसभा चुनाव के संभावित गठबंधन के नेता के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा, ‘यह फैसला संख्या के आधार पर होगा, लेकिन विपक्ष के सभी अनुभवी नेता मिलकर इस पर फैसला करेंगे।’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व करने की संभावना को लेकर रालोद नेता ने कहा, ‘मैंने उनके साथ काम किया है। उनको राजनीति का लंबा अनुभव हो चुका है। पहले कांग्रेस को तय करना है और फिर विपक्षी दल के नेता मिलकर तय करेंगे।’
‘चुनावों को हिंदू बनाम मुस्लिम नहीं होने दिया जाएगा’
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का आरोप लगाया और कहा, ‘अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनावों में हिंदू बनाम मुस्लिम नहीं होने दिया जाएगा। भाजपा के प्रयासों को सामाजिक गठजोड़ के जरिए हम विफल करेंगे जैसे इस उपचुनाव में किया है।’ RLD उपाध्यक्ष ने उम्मीद जताई कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और उनकी पार्टी एकजुट होंगी और सीटों के तालमेल को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।