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उत्तर प्रदेश के इन भाइयों ने छीन ली दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जेकब ज़ूमा की कुर्सी!

अजय गुप्ता तीन दशक पहले दिल्ली गए और फिर 1993 में कारोबार के लिए दक्षिण अफ्रीका चले गए। उनके पिता शिव कुमार राशन दुकान चलाते थे। यहां उनका पुश्तैनी मकान भी था। युवावस्था से ही अजय बड़े महत्वाकांक्षी थे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 15, 2018 14:16 IST
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उत्तर प्रदेश के इन भाइयों ने छीन ली दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जेकब ज़ूमा की कुर्सी!

नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जेकब जुबा ने बुधवार को पद से इस्तीफा दे दिया। जुमा ने टेलीविजन पर प्रसारित देश के नाम संबोधन में तत्काल प्रभाव से अपने इस्तीफे की घोषणा की लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी कुर्सी जाने के पीछे है यूपी कनेक्शन? जी हां, उत्तर प्रदेश के गुप्ता परिवार पर जुमा के साथ मिलकर आर्थिक अनियमितता करने का आरोप है। गुप्ता का पूरा परिवार सहारनपुर का मूल निवासी है। भारत से दक्षिण अफ्रीका गए गुप्ता ब्रदर्स की जेकब जुमा के कार्यकाल के दौरान तमाम कथित घोटालों में केंद्रीय भूमिका रही है। जेकब जुमा के इस्तीफे के ऐलान से पहले बुधवार को गुप्ता ब्रदर्स के ठिकानों पर पुलिस और भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों के छापे भी पड़े।

अजय गुप्ता तीन दशक पहले दिल्ली गए और फिर 1993 में कारोबार के लिए दक्षिण अफ्रीका चले गए। उनके पिता शिव कुमार राशन दुकान चलाते थे। यहां उनका पुश्तैनी मकान भी था। युवावस्था से ही अजय बड़े महत्वाकांक्षी थे। पहले दिल्ली में उन्होंने एक होटल में नौकरी की। भाई राजेश गुप्ता व अतुल के साथ मिलकर दक्षिण अफ्रीका में सहारा कंप्यूटर्स की नींव रखी। सहारनपुर के हकीकत नगर भगत सिंह कॉलोनी में भी करीब 12 वर्ष पहले सहारा कंप्यूटर्स के भव्य शोरूम का उद्घाटन हुआ था।

इस कंपनी में जेकब जुमा के बेटे दुदुजेन डायरेक्टर थे। परिवार ने अपने गृहनगर सहारनपुर के नाम से प्रेरित होकर अपनी कंपनी का नाम सहारा कंप्यूटर्स रखा था। दुदुजेन गुप्ता परिवार की कई कंपनियों से जुड़े रहे हैं। जुमा परिवार के लोग गुप्ता परिवार की कंपनियों से जुड़े हुए थे। जुमा की तीसरी पत्नी बोंगी नेमा भी गुप्ता ब्रदर्स की कंपनी में कर्मचारी थी। जुमा की एक बेटी भी गुप्ता ब्रदर्स की कंपनी से जुड़ी हुई थी।

गुप्ता परिवार का नाम सबसे पहले तब विवादों में आया जब मार्च 2015 में पूर्व डेप्युटी फाइनैंस मिनिस्टर मेबिसी जोनस ने दावा किया कि गुप्ता ब्रदर्स ने उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की। जोनस ने आरोप लगाया कि गुप्ता ब्रदर्स ने उन्हें 60 करोड़ रैंड (5 करोड़ डॉलर यानी करीब 320 करोड़ रुपये) देने की पेशकश की थी। आरोपों के मुताबिक गुप्ता ब्रदर्स ने जोनस के सामने फाइनैंस मिनिस्टर के पद की पेशकश की थी और बदले में उन्हें गुप्ता परिवार के इशारों पर काम करना था। 9 दिसंबर 2015 को बहुत कम समय के लिए वित्त मंत्री का पद संभालने वाले ANC के सांसद डेविड वैन रूयेन को अपने शपथ से एक रात पहले ही गुप्ता के घर जाने का भी खुलासा हुआ था।

दक्षिण अफ्रीका में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई पब्लिक प्रोटेक्टर ने अक्टूबर 2016 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें बताया गया था कि किस तरह बिजली के क्षेत्र में एकाधिकार रखने वाली सरकारी कंपनी ने गुप्ता से जुड़ी कंपनियों से मार्केट प्राइस से ज्यादा पर बड़े पैमाने पर कोयले की खरीदारी की थी। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि पूर्व खनन मंत्री मोसेबेंजी ज्वैन ने गुप्ता बंधु के साथ स्विटजरलैंड की यात्रा की थी और उन्हें एक संघर्षरत कोल माइन को खरीदने की डील में मदद की थी। हाल के सालों में कई बड़े बैंकों ने गुप्ता परिवार को दी गई अपनी सुविधाओं को वापस ले लिया था।

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