चेन्नई, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम.करुणानिधि ने कहा कि सरकारी विज्ञापनों में मुख्यमंत्री की तस्वीरों के इस्तेमाल पर रोक से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय का फैसला राज्य सरकार की शक्तियों का हनन है। करुणानिधि ने गुरुवार को एक बयान में न्यायालय के फैसले को राज्यों की शक्तियों का हनन बताया।
न्यायालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में सरकार तथा इसकी एजेंसी के विज्ञापन में मंत्रियों सहित राजनीतिक हस्तियों की तस्वीर लगाए जाने पर रोक लगा दी थी और कहा था कि यह व्यक्ति पूजा को बढ़ावा देने जैसा है।
करुणानिधि ने कहा कि भारतीय संविधान के सहकारी संघवाद के सिद्धांत के अनुसार प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को समान दर्जा प्राप्त है।
उन्होंने कहा, "वास्तव में राज्यों की जनता प्रधानमंत्री की अपेक्षा मुख्यमंत्री को ज्यादा महत्व देती है।"
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुने जाते हैं।
उन्होंने कहा, "जिन आधारों पर सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री की तस्वीरों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है, वे मुख्यमंत्रियों की तस्वीरों के इस्तेमाल पर भी लागू होते हैं।"