पटना: बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पड़ोसी राज्य झारखंड के रांची स्थित सीबीआई की एक विशेष अदालत द्वारा करोड़ों रूपये के चारा घोटाला मामले में अपने पिता एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को साढे तीन साल की सजा सुनाए जाने पर आज कहा कि इसके खिलाफ वे उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
तेजस्वी ने अपनी मां एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित राजद के अन्य नेताओं के साथ पटना स्थित अपने सरकारी आवास पर आज संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो सजा सुनाई गयी है उसके खिलाफ जमानत के लिए हम लोग उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। रांची स्थित सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला से जुडे एक मामले (देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी) में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई।
28 वर्षीय तेजस्वी ने कहा कि कानूनी लड़ाई है। निचली आदालत का जो फैसला आया है उसका हम सम्मान करते हैं, हमें न्यायपालिका में पूरा भरोसा है । हम फैसले का अध्ययन करेंगे और फिर फैसला करेंगे कि जमानत के लिए क्या कानूनी विकल्प बनता है। सीबीआई अदालत ने लालू को दोषी ठहराये जाने पर टिप्पणी करने पर तेजस्वी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था।
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र में सत्तासीन भाजपा पर साजिश करने और केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करके लालू को फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आगामी मकर संक्रांति के बाद जनता के बीच जाकर सारी बातों को रखेंगे और जनजागृति कार्यक्रम और जनसभा करेंगे । तेजस्वी ने कहा कि दुख इस बात का है कि जनता ने जिनको चुना आज वे कारागार में हैं और जिनको नहीं चुना वे ‘चोर दरवाजे’ से सरकार में बैठे हैं ।